भागलपुर : आजादी की लड़ाई देश में छेड़ी गई थी। उसमें पीरपैंती प्रखंड के भी वीर क्रांतिकारी नौजवानों ने भी बढ़कर हिस्सा लिया था। महात्मा गांधी के भारत छोड़ो आंदोलन ने देश के सपूतों में देश भक्ति का ऐसा जज्बा पैदा कर दिया था कि अंग्रेजों की गुलामी से आजाद होने के लिए वे अपने प्राणों की भी आहुति देने को तैयार थे। अंग्रेजों ने शेरमारी हाट पर भीड़ देख बिना सोचे समझे अंधाधुंध गोलियां बरसाई थीं। जिसमें दर्जनों लोग शहीद हो गए थे।
6 नवंबर 1942 को अंग्रेजों को किसी ने सूचना दी थी की हाट में क्रांतिकारी इकक्ठे होकर अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ योजना बना रहे हैं।अंग्रेजों ने निहत्थे लोगों पर गोलियों की बौछार कर दी जो जलियांवाला बाग कांड से कम नहीं था। इसमें 24 लोग शहीद हुएथे। हालांकि उस समय हाट के बगल में स्थित नाट्य मंच के पास क्रांतिकारी सियाराम सिंह और महेंद्र गोप गुट के क्रांतिकारी विशेष रूप से एक जगह एकत्रित हुए थे। जबकि क्षेत्र के अन्य क्रांतिकारी अंग्रेजी हुकूमत को उखाड़ फेंकने को आतुर थी। क्रांतिकारी पैदल ही कहलगांव पहुंचे वहां पोस्ट ऑफिस जलाया, स्टेशन में तोड़फोड़ की, पटरी उखाड़े, पीरपैंती स्टेशन पर भी तोड़फोड़ की। हालांकि शेरमारी हाट में शहीद हुए लोगों को तत्कालीन राजद विधायक शोभाकांत मंडल ने सम्मान दिया। उन्होंने अपनी विधायक निधि से प्रखंड मुख्यालय परिसर में एक शहीद स्मारक का निर्माण कराया है तथा उन शहीदों का नाम अंकित कराया है।