भागलपुर के सत्यम को अमेरिकी विदेश मंत्रालय से मिली स्कॉलरशिप

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भागलपुर के लिए अच्छी खबर है। अंग के लाल सत्यम ने फिर से एक बार भागलपुर का नाम रौशन किया है। भागलपुर के सत्यम को अमेरिका से 28 लाख रुपये का फुल ब्राइट स्कॉलरशिप मिला है। वह अमेरिका में रहकर ‘फुल ब्राइट डिस्टिंग्विस्ड अवार्ड्स इन टीचिंग प्रोग्राम फॉर इंटरनेशनल टीचर्स’ कोर्स पूरा किये हैं। अब वह भागलपुर के स्कूलों में शिक्षकों एवं छात्रों को पढ़ाएंगे कि पढ़ाई में ‘एआई’ (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) का उपयोग कैसे किया जाये। भागलपुर के भीखनपुर निवासी सत्यम मिश्रा ने बताया कि इस कोर्स को करने के लिये प्रत्येक महादेश के 16 देशों से कुल 50 लोग थे। जिसमें से छह लोग भारत के थे। जिन्हें यह स्कॉलरशिप मिली है। सत्यम ने बताया कि इनका शोध विषय ‘शांति का गणित (मैथेमेटिक्स ऑफ पीस)’ तथा ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इन टीचिंग’ था।

शोध कार्य पूरा होने पर इसे प्रजेंट करने के लिये अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी बुलाया गया। वहां इन्हें व्हाइट हाउस की पॉलिसी डायरेक्टर और राष्ट्रपति जो बाइडन की पत्नी जिल बाइडन की सलाहकार माला अडिगा से मिलवाया गया। वह मूल रूप से कर्नाटक की हैं। स्टेट डिपार्टमेंट ऑफ फुल ब्राइट कमीशन ने उन्हें यह सर्टिफिकेट और अवार्ड दिया। अगले दो तीन महीने में इनका शोध भी अंतरराष्ट्रीय शोध पत्र में प्रकाशित होगा।

पढ़ाई में एआई का उपयोग बताया कि पीरपैंती के एक स्कूल में बच्चों को और दुमका के एक स्कूल में वह विभिन्न विषयों को पढ़ा रहे हैं। वह दुमका के एक स्कूल में भी पढ़ा रहे हैं। वह स्कूलों में यह भी पढ़ायेंगे कि पढ़ाई में एआई का शिक्षक और छात्र कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं। बताया कि एआई की ओर दुनिया बढ़ती जा रही है। ऐसे में इससे पढ़ाई अछूता कैसे रह सकता है। इसके इस्तेमाल से काफी फायदा होगा।

18 देश में कर चुके हैं काम

अभी तक वह 2021 में यूनेस्को ग्लोबल टीचर प्राइज में अंतिम चरण में चयनित हुये थे और अभी तक 18 देशों में काम कर चुके हैं। मलाला यूसुफजाई ने लेबनान में एक स्कूल खोला था वहां पढ़ाने के लिये गये थे जो पहले भारतीय थे।

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