भागलपुर : डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी ने किया मायागंज अस्पताल का निरिक्षण

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इतनी भी जर्जर नहीं है आईसीयू के छत व दरवाजे कि इसे मरीजों के लिए खोला नहीं जा सकता है। क्या इस आईसीयू को फाइव स्टार होटल बनाने के बाद ही मरीजों के लिए खोलेंगे। तुरंत एसी लगवाकर और बेड की मरम्मत कराकर इसे 18 मई तक मरीजों के लिए खोल दें। साथ ही एक कमरे को तुरंत ही शुरू करा दें। 20 को समीक्षा में ये खुला नहीं मिला तो इसके लिए अस्पताल व आईसीयू प्रशासक जिम्मेदार होगा। ये बातें, शनिवार को मायागंज अस्पताल के निरीक्षण को पहुंचे डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी ने कहीं। सबसे पहले डीएम इमरजेंसी पहुंचे, जहां पर उन्होंने ट्राइएज रूम को देखा, जिसे उन्होंने 14 मई तक शुरू करने का निर्देश दिया।

रेडियोलॉजी विभाग पहुंचे डीएम को अस्पताल अधीक्षक डॉ. राकेश कुमार ने बताया कि ये विभाग जूनियर रेजीडेंट समेत सिर्फ तीन रेडियोलॉजिस्ट के भरोसे चल रहा है। इस पर डीएम ने कहा कि जीएनएम को अल्ट्रासाउंड, एक्सरे आदि के लिए ट्रेंड करके उनके जरिए ही जांच कराएं। एक्सरे व अल्ट्रासाउंड जांच कम होने की दशा में डीएम ने कहा कि 72 घंटे में डॉटा ऑपरेटर को इस कदर प्रशिक्षित करें कि डॉक्टर बोले और वह रिपोर्ट बना दें।

 

एक मरीज के साथ ही एक परिजन रहेगा: रेडियोलॉजी से बाहर निकले डीएम सीधे आईसीयू के बाहर के हॉल में पहुंचे। शिशु रोग विभाग के बाहर तीमारदारों की भीड़ के बारे में अस्पताल अधीक्षक ने बताया कि इन्हें बाहर जाने को कहा जाता है तो लोग झगड़ा करने पर उतारू हो जाते हैं। डीएम ने कहा कि मार्ग दुर्घटना (आरटीए) में घायलों के साथ दो-दो तीमारदार व सामान्य मरीजों के साथ एक-एक तीमारदार के साथ रहने के लिए पास सिस्टम लागू करें। अगर कोई परिजन झगड़ा करता है तो पुलिस को बुलाकर उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दें और उसके मरीज को डिस्चार्ज कर दें।

सेंट्रल मॉनिटरिंग सिस्टम लागू करने का निर्देश

शिशु रोग विभाग के निरीक्षण में विभाग के अध्यक्ष डॉ. केके सिन्हा ने बताया कि 24 बेड का नीकू चल रहा है वहीं 18 बेड का एक और नीकू नर्स की कमी के कारण बंद है। जबकि दस बेड का पीकू वार्ड चल रहा है। डीएम ने कहा कि बंद नीकू को शुरू कराएं और बच्चों के आईसीयू को सीसीटीवी से आच्छादित कर सेंट्रल मॉनीटरिंग सिस्टम की व्यवस्था करें।

संसाधनों की कमी का रोना न रोएं, काम चलाएं

मातृ-शिशु अस्पताल के निरीक्षण के दौरान डीएम ने कहा कि संसाधनों का रोना न रोएं, जो है उसी में काम चलाएं। निर्देश दिया कि एमसीएच में दस एसी लगाते हुए शिशु रोग और स्त्रत्त्ी रोग एवं प्रसव विभाग के संसाधनों के जरिए 18 मई तक एमसीएच को हर हाल में शुरू कर दें। सेंट्रलाइज्ड ब्लड सैंपल कलेक्शन सेंटर के लिए जरूरी जनरेटर की खरीद की प्रकिया पूरी कर इसे जल्द शुरू कराएं।

डीएम ने अस्पताल अधीक्षक कार्यालय में अस्पताल के एचओडी संग बैठक की। कहा कि अपनी मानसिकता बदलें तो अस्पताल में का काम शानदार हो जाएगा। कहा कि पहले चरण के तहत सर्जरी सहित सभी विभागों के पांच-पांच बेड को बेस्ट फैसिलिटीयुक्त बनाया जाए। दूसरे चरण में इन विभागों के एक-एक को तो तीसरे चरण में पूरे अस्पताल को बेस्ट फैसिलिटी वाले अस्पताल में बदल दें। मेडिसिन विभाग के लिए 48 बेड की इमरजेंसी वार्ड फैब्रिकेटेड हॉस्पिटल में चलाने के लिए जरूरी संसाधन उपलब्ध कराते हुए इसे 18 मई तक चालू कर दें।

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