भागलपुर दवा व्यवसायी हत्याकांड : रौनक की मौत सुनिश्चित करना चाहते थे अपराधी

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बिहार में अपराध थमने का नाम नहीं ले रहा है।आए दिन हत्या, लूट और डकैती की वारदातें सामने आ रही हैं. अपराधियों के हौसले लगातार बुलंद होते जा रहे हैं। जिससे कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।ताजा मामला भागलपुर जिले का है, जहां अपराधियों ने एक बार फिर से हत्या की वारदात को अंजाम दिया। इस घटना से लोग ये सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि क्या वाकई में अपराधियों में अब कानून का डर नहीं रहा।

घटनास्थल के पास ही निजी आवास में लगे सीसीटीवी फुटेज खंगालने से पता चला है कि रात 9.50 बजे रौनक के पीछे से ही अपराधी आए हैं। एक ने पिस्टल निकाली और लगातार उसके सिर में गोली मारने लगा। रौनक गिर पड़ा। दूसरा अपराधी वहां आया और टॉर्च जलाकर यह कंफर्म करना चाह रहा था कि उसकी मौत हुई या नहीं।

रौनक को मरा हुआ समझकर अपराधी वहां से कारोबारी के घर की तरफ वाली गली से ही भाग निकले। 9.52 बजे अपराधी वहां से भाग निकले। 9.53 बजे रौनक के पिता घटनास्थल पर पहुंचे। घटना में लगभग चार अपराधियों के शामिल होने की बात सामने आ रही है। अपराधी किस तरफ से आए इसको लेकर सीसीटीवी फुटेज खंगाला जा रहा है। पुराने आत्माराम दवा दुकान के बगल वाली गली का भी फुटेज खंगाला गया है।

22 साल पहले चचेरे भाई का हुआ था अपहरण

कारोबारी पहले से ही अपराधियों के निशाने पर रहे हैं। आत्माराम के परिवार पर पहले से अपराधियों की नजर रही है। बातचीत में पता चला कि आत्माराम के बड़े बेटे कृष्ण कुमार केडिया के बेटे उमंग उर्फ लक्ष्मण का लगभग 22 साल पहले अपराधियों ने अपहरण कर लिया था। इस बात की जानकारी मिली थी कि अपहरण करने के बाद से हलद्वानी के आसपास रखा गया था। फिरौती की रकम वसूलने के बाद उसे अपराधियों ने लगभग 15 दिन बाद मुक्त किया था।

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