भागलपुर : नशामुक्ति केंद्र के डॉक्टर और संचालक डीवीआर लेकर फरार
भागलपुर : नशामुक्ति केंद्र में मधेपुरा के ग्वालपाड़ा के रहने वाले अमरेश कुमार की संदिग्ध मौत और उक्त मामले में हत्या का केस दर्ज होने के बाद केंद्र का संचालक और सभी डॉक्टर सीसीटीवी का डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर (डीवीआर) लेकर फरार हो गए हैं। डीवीआर लेकर फरार होने से इस बात की आशंका प्रबल हो गई है कि नशामुक्ति केंद्र में अमरेश के साथ कुछ गलत हुआ था। पुलिस अभियुक्तों की तलाश कर रही है। मृतक के भाई ब्रजेश कुमार के बयान पर डॉ ज्ञानरंजन, सीके सिंह, मो अफरोज और सुमित कुमार को नामजद करते हुए केस दर्ज किया गया है।
आस-पास के सीसीटीवी खंगाले जा रहे, विसरा सुरक्षित रखा गया
नशामुक्ति केंद्र में मधेपुरा के अमरेश की मौत के बाद सच्चाई का पता लगाने के लिए पुलिस केंद्र के आस-पास लगे सीसीटीवी को खंगाल रही है। एसपी सिटी ने बताया कि मृतक के विसरा भी जांच के लिए सुरक्षित रख लिया गया है। उक्त जगह पर नशामुक्ति केंद्र कैसे चल रहा था, वहां क्या हो रहा था, इन सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है। इशाकचक थाना के साथ ही मजिस्ट्रेट, बाल संरक्षण पदाधिकारी और अंचलाधिकारी ने भी मामले की जांच की है। सदर एसडीएम धनंजय कुमार और डीएसपी सिटी अजय कुमार चौधरी ने भी घटनास्थल का निरीक्षण किया है। एफएसएल की टीम से भी घटनास्थल की जांच कराई गई है।
नशामुक्ति केंद्रों की जांच करेगी कमेटी
इशाकचक स्थित नशामुक्ति केंद्र में युवक की मौत के बाद उपजे विवाद के बाद स्वास्थ्य विभाग ने जिले में संचालित सभी नशा मुक्ति केंद्रों की जांच करने के लिए एक कमेटी का गठन किया है। बुधवार को सीएस डॉ. अंजना कुमारी ने इस बाबत तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है, जिसमें एएसीएमओ (गैर संचारी रोग) डॉ. पंकज कुमार मनस्वी, डॉ. विप्लव बलराज व डॉ. स्वप्निल चंद्रा को शामिल किया गया है।
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