भागलपुर : इशाकचक थाना क्षेत्र में स्थित नशामुक्ति केंद्र के डॉक्टर और संचालक के मोबाइल नंबर के कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) की जांच की गई है जिसमें कई अन्य संदिग्ध नंबर का पता चला है। उसका भी सत्यापन किया जा रहा है। गौरतलब है कि नशामुक्ति केंद्र में मधेपुरा के ग्वालपाड़ा के रहने वाले अमरेश की पीटकर हत्या कर दी गई थी।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से इसका खुलासा हुआ है। उक्त कांड में मृतक के भाई ब्रजेश के बयान पर डॉ ज्ञानरंजन, सीके सिंह, मो अफरोज और सुमित कुमार को नामजद करते हुए केस दर्ज किया गया है। घटना के बाद केंद्र का संचालक और सभी डॉक्टर सीसीटीवी का डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर (डीवीआर) लेकर फरार हो गए हैं। नशामुक्ति केंद्र के संचालक डॉ सुमित और उसके पार्टनर नानू की तलाश में भागलपुर पुलिस की टीम पूर्णिया जाएगी। नशामुक्ति केंद्र के लिए किराए पर मकान लिया गया था जिसका एग्रीमेंट जुलाई तक ही था।
मकान का एग्रीमेंट सुमित और नानू के नाम से था। पुलिस इस नशामुक्ति केंद्र का कनेक्शन पूर्णिया से होने के बिंदु पर भी जांच कर रही है। इशाकचक थानेदार के छुट्टी पर होने की वजह से टीम के छापेमारी में नहीं जा पाने की बात कही जा रही है। हालांकि छापेमारी में देरी होने से अभियुक्तों को कहीं बाहर भाग जाने का भी मौका मिल सकता है।