भागलपुर : डॉक्टर चंद्रकांत सिंह के क्लीनिक में ढाई साल के बच्चे मनु राज की मौत हो गई। इसके बाद परिजनों के द्वारा क्लीनिक में जमकर हंगामा किया गया। मृतक बच्चे के पिता का कहना है कि सुबह बच्चे को लेकर क्लिनिक आया था।देर रात से ही बच्चे को उल्टी और दस्त की शिकायत थी। जिसको लेकर पहले वह नंबर लगाने के लिए सुबह आए।
तब बताया गया की दस बजे आप बच्चे को लेकर आए। जब यह लोग बच्चे को लेकर क्लिनिक पहुंचे तब यहां पर कंपाउंडर के द्वारा सूई दिया गया और उसके बाद सलाईन भी लगा दिया गया। वही बिना बच्चे को डॉक्टर के देखे ही बच्चों को सूई और दवा कंपाउंडर के द्वारा चालू कर दिया गया।
वहीं जांच के लिए खून भी निकाल लिया गया और अचानक बच्चों की मौत हो गई। जिसके बाद परिजन साफ तौर पर कंपाउंड पर आरोप लगा रहे हैं कि गलत दवा देने के कारण बच्चे की मौत हुई है। जिसको लेकर परिजनों ने जमकर हंगामा किया। वही हंगामा देख पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और मामले को किसी तरीके से शांत कराया। वही डॉक्टर खुद कह रहे हैं कि बच्चे को उन्होंने देखा ही नहीं।
अब सवाल खड़े हो रहे हैं कि अगर डॉक्टर ने बच्चे को नहीं देखा तो कंपाउंडर ने आखिर कैसे दवा दे दी। आखिर मासूम की मौत का जिम्मेवार कौन है। जांच के बाद ही पता चल पाएगा।