कथावावचिका जया किशोरी ने कहा कि यह जिंदगी काफी अनमोल है। इसीलिए मित्र व सलाहकार काफी सोच समझकर बनाना चाहिए। किसी ने भगवान श्रीकृष्ण को मित्र के रूप में रखा तो किसी ने शकुनी मामा को सलाहकार के रूप में रखा। बुरा व्यक्ति हमेशा गलत बातें कर आपको दिग्भ्रमित करता है और जीवन नरक के समान कर देता है।
इसीलिए मित्र व सलाहकार बनाने से पहले काफी सोच-विचार करें। उक्त बातें उन्होंने गोशाला परिसर में चल रहे श्री गुरु सेवा समिति की ओर से आयोजित श्रीमद्भगवत कथा के विराम दिवस पर सोमवार को कहीं। उन्होंने कहा कि महाभारत के युद्ध में पाण्डवों की जीत और कौरवों की हार हुई। एक तरफ धर्म की जीत हुई तो दूसरी तरफ अधर्म की हार हुई। क्योंकि पाण्डव ने अपने सलाहकार का चयन सही किया था।
उन्होंने चार वर्णों पर बात करते हुए कहा कि ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शुद्र हैं। इसमें ब्रह्मणों का कार्य है सभी को शिक्षा देना है। मकसद है कि किसी भी व्यक्ति में शिक्षा की कमी नहीं हो। इसमें कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। गुरु द्रोणाचार्य ने एकलव्य के साथ भेदभाव किया था। इससे पूर्व आरती प्रशांत बाजोरिया व रेशम बाजोरिया ने किया। इस मौके पर रवि वैद, श्रवण कुमार बाजोरिया, शरद सलारपुरिया, प्रशांत विक्रम, राहुल पचेरीवाल, अमित आदि मौजूद थे।