बिहार में एरी, मूंगा, तसर, मलबरी रेशम के विकास के लिए भागलपुर में रेशम का अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान खोला जाएगा। भागलपुर में 500 मेट्रिक टन रेशम उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। बुनकरों की समस्या को देखते हुए जल्द ही भागलपुर में कोकून बैंक खोला जाएगा। शुक्रवार को केंद्रीय सिल्क बोर्ड के सदस्य पी. शिवकुमार ने सिल्क उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सर्किट हाउस में डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी से बात की। बोर्ड की पांच सदस्यीय टीम शनिवार को बांका जाएगी।
सड़क किनारे लगाए जाएंगे अर्जुन पेड़: टीम ने बताया कि भागलपुर तसर रेशम का हब है। यहां सड़क किनारे अर्जुन पेड़ लगाए जा सकते हैं। डीएम ने रेशम उत्पादन से संबंधित पेड़ लगवाने का प्रस्ताव 7 दिनों के अंदर भेजने का निर्देश उद्योग विभाग के परियोजना पदाधिकारी को दिया है। रेशम उद्योग के उत्पाद को अमेजन एवं फैशन वर्ल्ड से जोड़ने का सुझाव दिया।
टीम में केंद्रीय सिल्क बोर्ड बेंगलुरु के निदेशक डॉ. मुंद्रा मूर्ति, केंद्रीय सिल्क ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट बेंगलुरु के निदेशक डॉ. पेरिया स्वामी, सीएनईआरटी जोरहट के डॉ. कार्तिक नियोग, बोर्ड के दिल्ली स्थित उप सचिव डी. बेहरा और कोलकाता के उप सचिव एस. खान शामिल हैं। इस दौरान उद्योग विभाग, बिहार के निदेशक (तकनीकी विकास) विवेक रंजन मैत्रेय ने सदस्य सचिव से भागलपुर सहित बिहार के विभिन्न जिलों में रेशम को बढ़ावा देने के लिए बातचीत की।
रेशम उत्पादन से जीविका को जोड़ने का सुझाव
बिहार में एरी, मूंगा, तसर, मलबरी, रेशम को बढ़ावा देने की लिए योजना चल रही है। टीम ने रेशम उत्पादन में वृद्धि के लिए जीविका के सेल्फ हेल्प ग्रुप के साथ इसे जोड़ने का सुझाव दिया। डीएम ने बुनकरों को आधुनिक तकनीक की जानकारी देने के लिए प्रशिक्षण तथा रेशम उत्पादन को बढ़ाने के लिए उद्योग के साथ-साथ कृषि विभाग से जोड़ने का सुझाव दिया।