भागलपुर में बंदी के दौरान दारोगा के अपशब्द कहने पर व्यापारी नाराज
भागलपुर : दवा व्यवसायी रौनक केडिया की हत्या के विरोध में बाजार बंद कर रहे व्यापारियों और कोतवाली थाना के एक पुलिस पदाधिकारी के बीच तीखी बहस हो गई।
शांतिपूर्ण बंदी के दौरान जब व्यवसायी खलीफाबाग चौक पर पहुंचे तो आगे की रणनीति पर विचार विमर्श करने लगे। उसी समय कोतवाली थाना के एक पुलिस अधिकारी ने अपशब्दों का प्रयोग किया और वहां से जाने के लिए मजबूर कर दिया। इसके विरोध में दोपहर चैंबर कार्यालय में आपात बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता चैंबर उपाध्यक्ष शरद सालारपुरिया ने की। सदस्यों ने पुलिस पदाधिकारी द्वारा व्यवसायियों के साथ किए गए दुर्व्यवहार और अपशब्दों के प्रति रोष प्रकट करते हुए निंदा प्रस्ताव पारित किया। इसके बाद इस विषय की जानकारी शहर के वरीय पुलिस अधीक्षक को देने का निर्णय लिया गया। दवा व्यवसायी रौनक केडिया की हत्या के विरोध में बाजार बंद कर रहे व्यापारियों को दोबारा पांच बजे के आसपास बैठक की। चैंबर कार्यालय में व्यापारियों के साथ बैठक में एसडीएम धनंजय कुमार, सिटी डीएसपी अजय कुमार चौधरी, कोतवाली थाना के एसआई और ततारपुर इंस्पेक्टर के साथ चैंबर सहित विभिन्न संगठनों की पदाधिकारी बैठक में मौजूद रहे। चैंबर के उपाध्यक्ष शरद सलारपुरिया ने कहा कि व्यवसायियों के साथ पुलिस प्रशासन का मित्रवत व्यवहार रहा है लेकिन आज जो हमारे साथ पुलिस अधिकारी ने व्यवहार किया, उससे व्यवसायी मर्माहत हैं। घटना में शामिल दारोगा पर कार्रवाई हो।
घटना का जल्द उद्भेदन कर लेने का किया गया दावा
स्वर्णकार संघ से अनिल कड़ेल ने बताया कि इस प्रकार की जो हत्या शहर में हुई है वह किसी एक व्यक्ति की हत्या नहीं है बल्कि मृतक के पूरे परिवार की हत्या हुई है। अंत में अधिकारियों ने कहा कि दो-तीन दिनों में घटना का उद्भेदन कर लिया जाएगा। सोमवार को एक बार फिर व्यापारियों के साथ बैठक होगी। बैठक में विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि के रूप में उपस्थित अनिल खेतान, विशाल आनंद, प्रदीप जैन, गिरधर मवांडिया, गिरधारी केजरीवाल, मनीष बुचासिया, रमन शाह, विशेश्वर आर्य आदि मौजूद रहे।
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