“शीतलहर” से बचने के लिए आपको ठंडी जल, ठंडे आहार, और उचित बारिश वाले स्थानों का इस्तेमाल करना चाहिए। बेहतर है कि आप ठंडे पानी का सेवन करें, शैत्य में रहें, और ठंडे कपड़े पहनें ताकि आप अपने शरीर को ठंडा रख सकें। बच्चों और बूढ़ों को खासकर ध्यान देना चाहिए क्योंकि उन्हें शीतलहर से अधिक प्रभावित हो सकता है।
भागलपुर : आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी प्रमंडलीय आयुक्तों को शीतलहर से बचाव के लिए आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। विभाग के अपर मुख्य सचिव (एसीएस) प्रत्यय अमृत ने जिलों को बेहतर तैयारी कराने के लिए कहा है। एसीएस ने कहा कि ठंड से लगातार तापमान गिरता जा रहा है। जिससे निकट भविष्य में शीतलहर के प्रकोप की संभावना है। इससे सर्वाधिक प्रभावित शहरी या अर्द्ध शहरी क्षेत्रों में बसे गरीब, निसहाय और आवासहीन व्यक्ति होते हैं। इशीतलहर व पाला पड़ने से कृषि प्रभावित होती है। पशुधन की सुरक्षा जरूरी है। निर्बाध बिजली से भी ठंड से बचा जा सकता है। कोहरा व धुंध को देखते हुए यातायात नियमों में सुरक्षात्मक कदम उठाएं। एसीएस ने रैनबसेरों की समुचित व्यवस्था करें। जहां रैनबसेरा नहीं है, वहां पॉलीथिन शीट्स, टेंट, तारपोलीन शीट्स का उपयोग कर शरणस्थली बनाई जाए।