भागलपुर : दिल, दिमाग और किडनी के मरीजों के लिए वरदान माना जाने वाले सुपर स्पेशिएलिटी तो एक ही छत के नीचे जांच-इलाज से लेकर सर्जरी होने का सपना दिखाने वाला सदर अस्पताल का मॉडल हॉस्पिटल का भवन तो तैयार हो चुका है। लेकिन इन दोनों अस्पतालों का अंदरूनी काम है कि पूरा होने का नाम ही नहीं ले रहा है। लोकसभा चुनाव के रंग में डूबे साहबों पर से चुनाव का रंग सरकार बनने के बाद भी नहीं उतर सका है। जबकि इन दोनों अस्पतालों पर अगर भागलपुर से लेकर पटना में बैठे साहबों की नजरें इनायत हो जाएं तो इस क्षेत्र के मरीजों का बहुप्रतीक्षित सपना हकीकत का रूप से ले सकेगा।
सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल: एक साल में एमआरआई मशीन ही लगी, बेड तक नहीं बिछे
माउंट कार्मेल स्कूल के पूरब में 200 करोड़ की लागत से 200 बेड का सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल बनना है। इसका शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बरौनी में 17 फरवरी 2019 को आयोजित कार्यक्रम में किया था। इस हॉस्पिटल को फरवरी 2021 में शुरू करके मरीजों को समर्पित कर दिया जाना था। लेकिन कोरोना के कारण करीब डेढ़ साल तक इसका निर्माण कार्य प्रभावित रहा। केंद्रीय पीडब्ल्यूडी ने इसे साल 2023 में बना दिया तो वहीं मशीन, बेड से लेकर अंदरूनी काम के लिए नामित हाईट एजेंसी ने अपने हिस्सा का काम शुरू कर दिया। लेकिन अब तक इस एजेंसी द्वारा अंदरूनी काम करने के अलावा एमआरआई मशीन ही लगा सकी है। यहां तक कि अस्पताल के लिए बेड तक नहीं लगाए गये हैं। वहीं अस्पताल के अधीक्षक डॉ. राकेश कुमार ने बताया कि बिल्डिंग को हैंडओवर लेने के लिए कहा जा रहा है। लेकिन जब अस्पताल तैयार ही नहीं है और मानव संसाधन (विशेषज्ञ चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टॉफ से लेकर सुरक्षाकर्मी) मिले नहीं हैं तो इसे हैंडओवर लेने का क्या फायदा।
इस अस्पताल में 20-20 बेड का न्यूरोलॉजी, न्यूरो सर्जरी, नेफ्रोलॉजी, कॉर्डियोलॉजी, कॉर्डियो थोरेसिस सर्जरी, यूरोलॉजी, जेरिएट्रिक विभाग व इमरजेंसी विभाग होगा। इसके अलावा 40 बेड की आईसीयू भी है। साथ ही इस अस्पताल में आठ बड़े ऑपरेशन थिएटर होंगे। इसमें किडनी, मस्तिष्क, ह्रदय, मूत्र से संबंधित ऑपरेशन किये जाएंगे। वहीं हॉस्पिटल में उन्नत पैथोलॉजी सेंटर, सीटी स्कैन व अत्याधुनिक ब्लड बैंक भी बनाना है।