भागलपुर में भी होगी ड्रैगन फ्रूट की खेती

Dragon fruit

आने वाले समय में भागलपुर में भी ड्रैगन फ्रूट की खेती होगी। सरकार इसकी खेती में मदद करेगी। बागवानी मिशन के तहत प्रदेश सरकार ने भागलपुर को आठ हेक्टेयर में खेती का लक्ष्य दिया है। खास बात यह है कि इस खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार 40 प्रतिशत तक सब्सिडी भी दे रही है।

राज्य स्कीम मद से मुख्यमंत्री बागवानी मिशन के अंतर्गत प्रदेश के 21 जिलों में ड्रैगन फ्रूट विकास योजना तैयार की गई है। इन जिलों में भागलपुर के अलावा भोजपुर, गोपालगंज, जहानाबाद, सारण, सीवान, सुपौल, औरंगाबाद, बेगुसराय, गया, कटिहार, किशनगंज, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नालंदा, पश्चिम चंपारण, पटना, पूर्व चंपारण, पूर्णिया, समस्तीपुर एवं वैशाली को शामिल किया गया है। इसके तहत इन जिलों को आठ हेक्टेयर ड्रैगन फ्रूट की खेती का लक्ष्य दिया गया है। सहायक उद्यान निदेशक अभय कुमार मंडल ने बताया कि इस योजना के लिए आवेदन शुरू हो गया है। पहले आओ पहले पाओ के आधार पर लाभार्थी का चयन किया जाएगा। धीरे-धीरे ड्रैगन फ्रूट का बाजार भी बढ़ने लगा है। बड़े शहरों में इसकी काफी मांग होने लगी है। किसानों के लिए यह काफी फायदेमंद साबित होगा।

ड्रैगन फ्रूट, जिसे पिटाया भी कहा जाता है, एक उष्णकटिबंधीय फल है जो दिखने में आकर्षक और स्वाद में अद्वितीय होता है। इसे मुख्य रूप से हायलोसिरस जाति की कैक्टस की प्रजातियों से प्राप्त किया जाता है। ड्रैगन फ्रूट की विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

 

1. **प्रकार:** इसमें दो प्रमुख प्रकार होते हैं: एक में सफेद गूदा और छोटे काले बीज होते हैं, जबकि दूसरे में लाल या गुलाबी गूदा होता है।

2. **स्वाद:** इसका स्वाद हल्का मीठा होता है, जिसे कुछ लोग कीवी और नाशपाती का मिश्रण मानते हैं।

3. **पोषण:** यह विटामिन सी, फाइबर, और एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होता है, जिससे यह स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है।

4. **उपयोग:** इसे ताजे फल के रूप में खाया जा सकता है, सलाद में मिलाया जा सकता है, या स्मूदी और डेसर्ट में उपयोग किया जा सकता है।

 

ड्रैगन फ्रूट का सेवन आपके आहार में पोषक तत्वों को बढ़ाने का एक स्वादिष्ट तरीका हो सकता है।

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