भागलपुर : राष्ट्रीय लोक अदालत का हुआ आयोजन

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भागलपुर :  माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 29 जुलाई से 3 अगस्त तक की अवधि तय कर पहली बार राष्ट्रीय लोक अदालत लगायी जा रही है इसी क्रम में भागलपुर जिला में राष्ट्रीय लोक अदालत 13 जुलाई को आयोजित की गयी जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश नारायण सेवक पांडे ने भागलपुर से पांच मामले चिन्हित किये है जिसमें पक्षकारों को नोटिस देकर बुलाया गया है जिसमें पहले दोनों पक्षों को वीडीयो कॉन्फ्रेसिंग के जरिये बात कर सुलह कराने का प्रयास जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सदस्यों द्वारा किया जायेगा आपको बता दें कि पुरे राज्य में 120 ऐसे मामले सर्वोच्च न्यायालय द्वारा चिन्हित किये गये है जिसमें पांच मामले भागलपुर जिला में निष्पादित किये जा रहे है।

भागलपुर के कोर्ट परिसर में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत का नेतृत्व कर रहे जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने बताया की कोई भी व्यक्ति पर मुकदमा होता है तो उसका विकास प्रभावित होता है जो समय वह अपने विकास के कार्यो में देता वह समय उसे कोर्ट में गुजारना पड़ता है कोर्ट का एक केस भी किसी कर्म के दंड से कम नही माना जाता है साथ ही उन्होनें 1 जुलाई से लागु नये भारतीय रागिनी सुरक्षा संहिता की भी लोगों को जानकारी दी जिसमें जिला जज ने बताया की दोनों पक्ष के जो पीड़ित है, वो आकर सुलह कर सकते है और सुलह होने के बाद वह मुकदमा समाप्त हो जाता है साथ ही उन्होनें लोगों से अपनी समझदारी का परिचय देते हुए किसी भी मुकदमें को सुलह कर खत्म करने की अपील की वहीं राष्ट्रीय लोक अदालत में शामिल भागलपुर के जिलाधिकारी नवल किशोर चौधरी ने बताया की राज्य में सबसे ज्यादा लंबित मामले बैंक ऋण से जुड़े है जिसके सेटलमेंट में ऋणधारकों को काफी परेशानीयों का सामना करना पड़ता है।

साथ ही डीएम ने बैंक प्रबंधन से भी ऐसे लोगों को चिन्हित कर लोक अदालत में लाने की अपील की क्योंकि किसी का एनपीए होना उसका सिविल खराब करना ठीक नही है साथ ही इससे बिहार की भी बदनामी होती है एसएसपी आनंद कुमार ने बताया की राष्ट्रीय लोक अदालत एक ऐसी जगह है, जहां सालो से चल रहा दो पक्षों का विवाद मिनटों में समाप्त हो जाता है जिससे घर परिवारों की बीच शांति और हंसी खुशी का माहौल हो जाता है ये अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है और पिछले कई बार से लग रहे लोक अदालत में मामलों का निपटारा हो रहा है एक बड़ी संख्या में जो पक्षकार है वे लाभान्वित हो रहे है नये पदाधिकारियों और पुलिस का बोझ भी कम हो रहा है आगे भी ये लगातार इसी गति से चलता रहा तो इसके काफी अच्छे परिणाम सामने होगें

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