भागलपुर : विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर कार्यक्रम आयोजित

IMG 20240814 WA0056

77 वर्ष पूर्व आज ही के दिन भारत का बंटवारा हुआ था और पाकिस्तान के रूप में एक नया राष्ट्र अस्तित्व में आया था। देश के बंटवारे की बरसी को देशभर में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाया जा रहा है।

इसी सिलसिले में भागलपुर के वृन्दावन हॉल में भी एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर डॉ एनके यादव भी शामिल हुए हैं।

मनीष पांडेय बोले- हर नागरिक को होनी चाहिए इस दर्द की जानकारी

मुख्य वक्ता कोसी स्नातक क्षेत्र से विद्यान परिषद सदस्य मुख्य डॉ एनके यादव ने कहा की देश के बंटवारे के दर्द को आज कभी भुलाया नहीं जा सकता। आज का दिन 14 अगस्त भारतीय इतिहास में काला दिवस और दुर्भाग्यशाली दिन है, जब भारत की भूगोल, समाज, संस्कृति सभी का बंटवारा हो गया। नफरत और हिंसा में लाखों लोगों को अपने घर से विस्थापित किया और लाखों की संख्या में लोगों की जान चली गई। अखंड भारत के आजादी के इतिहास में 14 अगस्त की तारीख आंसुओं से लिखकर रक्तरंजित कर दी गई और देश का विभाजन हो गया। हम भारतीयों को इस दिन को याद रखने की जरूरत है क्योंकि हमारे लाखों बहनों और भाई विस्थापित हो गए और कई लोगों ने बेवजह नफरत के कारण अपनी जान गंवा दी। उन्हें विभाजन के दौरान यातना पूर्ण व्यवहार और हिंसा का सामना करना पड़ा।

बिहार प्रदेश प्रवक्ता सह क्षेत्रीय सह प्रभारी मनीष पांडेय ने कहा की इन सब के पीछे पंडित जवाहरलाल नेहरू और कांग्रेस रही है। जिसने विभाजन स्वीकार किया, भारत विभाजन के परिणाम स्वरूप लाखों लोग मारे गए, डेढ़ करोड़ से अधिक लोग बेघर हुए, एक लाख से अधिक महिलाओं के साथ अत्याचार हुआ। कम्युनिस्ट पार्टी ने मुस्लिम लीग की विभाजन कि मांग का समर्थन किया साथ ही उन्होंने अपने अनेकों मुस्लिम सदस्यों को निर्देश दिए कि वे द्विराष्ट्र सिद्धांत को बल प्रदान करने के लिए मुस्लिम धर्म में शामिल हो जाए। पंडित नेहरू ने मात्र प्रधानमंत्री की कुर्सी पाने के लिए ना केवल देश के टुकड़े करवाए बल्कि लाखों लोगों को खून से भारत भूमि को नहला दिया। घ्रणा का जो बीज उस समय बोया गया उसे आज पूर्णत नष्ट करने के लिए आने वाली कई पीढ़ियों को मिलकर प्रयास करना होगा।

जिला अध्यक्ष संतोष कुमार ने कहा की कहा कि देश के विभाजन के दौरान लाखों भाई बहनों ने जो कड़वाहट, वेदना झेली उसका दर्द हम सभी कभी भूल नहीं सकते है। इस दर्द को याद रखने के लिए ही 14 अगस्त यानी आज के दिन को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाया जा रहा है।विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के आयोजन से राष्ट्रीय एकता और अखण्डता सुदृढ़ होगी, सामाजिक सद्भाव बढ़ेगा और मानवीय संवेदनाओं को मजबूती मिलेगी. उन्‍होंने कहा कि यह भेदभाव, वैमनस्य तथा दुर्भावना को खत्म करने के लिए देशवासियों को प्रेरित करेगा।

निवर्तमान अध्यक्ष रोहित पांडेय ने कहा की भारत के इतिहास में ये दुर्भाग्यशाली दिन है। समाज में नफरत और हिंसा व्याप्त हो गई थी। यह दिन भारत के संघर्ष और बलिदान का दिन है। इस दिन लाखों लोग अपने मूल स्थान से विस्थापित हुए थे। उनके साथ यातनपूर्ण व्यवहार हुआ था।

कार्यक्रम प्रभारी जिला उपाध्यक्ष डॉ रोशन सिंह ने मंच संचालन किया।

इस मौके पर जिला उपाध्यक्ष दिलीप निराला, विजय कुशवाहा, अभय घोष, योगेश पांडेय, मनीष दास, राजेश टंडन, जिला मीडिया प्रभारी प्राणिक वाजपेयी,भाजयुमो नेता अभिलाष यादव,विनोद सिन्हा,अमरदीप साह, चंदन ठाकुर,रितेश घोष,देवब्रत घोष,प्रतिक आनंद,विनीत भगत,शशांक घोष,संजीव गुप्ता,चंदन पोद्दार,गौरव कुमार,कन्हैया,अभिनंदन यादव,सिंटी, सत्यम, धीरज, ऋषव, अम्बर, कर्ण, सदानंद, चक्रवीर, अरबिंद, अंशु आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

Kumar Aditya: Anything which intefares with my social life is no. More than ten years experience in web news blogging.
Recent Posts