भागलपुर पुलिस की लापरवाही एक बार फिर सामने आई है। दुर्घटना में मौत मामले में केस दर्ज करने में 54 दिन लग गए। जीरोमाइल थाना क्षेत्र में 16 अप्रैल को दुर्घटना हुआ था। घटना को लेकर मृतक रोहित के भाई भवेश यादव ने 17 अप्रैल को मायागंज में अपना फर्द बयान दर्ज कराया था।
मृतक के शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद वे घर लौट गए। जब केस दर्ज कराने की बारी आई तो पहले मायागंज स्थित पुलिस कैंप के पुलिस वाले और बाद में बरारी थाना के पदाधिकारी टालमटोल करने लगे। मृतक के चचेरे भाई सुरेंद्र यादव ने बताया कि जब वे पुलिस कैंप और बरारी थाना जाते थे तो वहां बताया जाता था कि फर्द बयान की कॉपी ही कहीं खो गई है। उन्होंने बताया कि सोमवार को उन्हें कॉल आया कि आवेदन मिल गया है और केस दर्ज किया जा रहा है। जीरोमाइल थाना में 11 जून को केस दर्ज किया गया। घटना को लेकर मृतक रोहित के भाई ने बताया कि इलाज के लिए पहले तिलकामांझी ले जाया गया जहां से बेहतर इलाज के लिए उसे मायागंज भेज दिया गया। मायागंज में ही इलाज के दौरान 16 अप्रैल की शाम उनके भाई की मौत हो गई।