राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ राष्ट्र के लिए समर्पित संगठन है। आरएसएस अपने उद्देश्य के प्राप्ति के लिए प्रत्येक वर्ष हजारों लोगों को विशेष प्रशिक्षण देकर तैयार करता है। उक्त बातें महर्षि मेंहीं आश्रम कुप्पाघाट भागलपुर के वरीय संत स्वामी सत्यप्रकाश बाबा ने कही।
वे आरएसएस के मुख्यालय में आठ से 11 जून तक नागपुर के रेशिमबाग स्थित स्मृति मंदिर में आयोजित तीन दिवसीय कार्यकर्ता विकास वर्ग-द्वितीय में शिरकत कर भागलपुर लौटने के बाद कहीं। उनका पूरा समय शिक्षार्थियों और संघ के अधिकारियों के बीच बीता।स्वामी सत्यप्रकाश बाबा को आरएसएस ने कार्यकर्ता विकास वर्ग-द्वितीय के दीक्षा समारोह में विशेष आमंत्रित अतिथि के रूप में बुलाया गया था।
विशेष निमंत्रित अतिथि के रूप में आमंत्रण भेजा गया था
विशेष निमंत्रित अतिथि के रूप में कार्यक्रम में शिरकत करने वाले वे बिहार से अकेले व्यक्ति थे। संपूर्ण देश में नौ लोगों को इस प्रशिक्षण वर्ग में विशेष निमंत्रित अतिथि के रूप में आमंत्रण भेजा गया।
स्वामी सत्यप्रकाश बाबा ने बताया कि उनका काफी समय सरसंघचालक डॉ. मोहन राव भागवत के साथ बीता। उन्होंने कहा कि सच में भागवत जी का जीवन किसी संत से कम नहीं है। उनके जीवन का उद्देश्य सिर्फ सेवा करना है।
46 प्रांतों से 936 स्वयं सेवकों ने प्रशिक्षण लिया
स्वामी सत्यप्रकाश बाबा ने कहा कि दीक्षा समारोह देखकर वे काफी अभिभूत हुए। इस 25 दिवसीय अवासीय प्रशिक्षण में 46 प्रांतों से 936 स्वयं सेवकों ने प्रशिक्षण लिया।
भागलपुर से इस वर्ग में सबौर खंड के कार्यवाह सतीश कुमार को जाने का अवसर मिला था। भागलपुर विभाग के कार्यवाह विजय कुमार मिश्र दक्षिण बिहार के प्रांत प्रमुख के रूप में वहां गए थे।
दक्षिण बिहार से आए 15 शिक्षार्थियों के साथ उनकी एक परिचयात्मक बैठक हुई
सत्यप्रकाश बाबा ने बताया कि दक्षिण बिहार से आए 15 शिक्षार्थियों के साथ उनकी एक परिचयात्मक बैठक भी वहां हुई। इसके अलावा नागपुर के संघ के अधिकारियों ने उन्होंने संघ के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार, द्वितीय सरसंघचालक माधव राव सदाशिवराव गोलवलकर गुरुजी के स्मारक का दर्शन कराया। उनके व्यक्तित्व और कृतित्व से परिचय कराया। मोहन राव भागवत ने उन्हें स्मृति चिह्न भेंट किया।
तीन दिनों तक स्वयंसेवकों ने जो उनका आतिथ्य किया, इससे वे काफी अभिभूत हुए। आने-जाने से लेकर रहने, भोजन व अन्य दिनचर्या की पूरी व्यवस्था स्वयंसेवकों ने की थी। सत्यप्रकाश बाबा ने कहा कि आरएसएस के सामाजिक समरसता प्रदान करने वाली संस्था है, जहां एक ही भाव है वह है हिंदू, हिंदुत्व व सनातन संस्कृति।
सैकड़ों शिक्षार्थी एक साथ रहते हैं, लेकिन कोई किसी से नहीं पूछता कि आप किस जाति के हैं। एक साथ एक पंक्ति पर बैठक शिक्षार्थी, स्वयंसेवक, शिक्षक व संघ के अधिकारी भोजन करते हैं। सत्यप्रकाश बाबा ने कहा कि वे कबीर दास को उस दोहे को सुनाकर संघ के उद्देश्य को समझा गए, जो उन्होंने भागवत जी से बातचीत करने के दौरान कही थी।
यहां बता दें कि महर्षि मेंहीं आश्रम कुप्पाघाट भागलपुर के वरीय संत स्वामी सत्यप्रकाश बाबा को आरएसएस के उत्तर-पूर्व क्षेत्र प्रचारक रामनवमी जी, दक्षिण बिहार प्रांत प्रचारक उमेश कुमार और सह प्रांत प्रचारक आशीष कुमार ने कार्यकर्ता विकास वर्ग-द्वितीय के दीक्षांत समारोह में विशेष निमंत्रित अतिथि के रूप में नागपुर आने के लिए आमंत्रण दिया था। रामनवमी जी ने आरएसएस के नागपुर महानगर संघचालक राजेश लोया का पत्र सत्यप्रकाश बाबा को सौंपा था।
क्या है संघ शिक्षा वर्ग के तृतीय वर्ष
संघ शिक्षा वर्ग के तृतीय वर्ष का स्वरूप अब बदल गया है। अब इसे कार्यकर्ता विकास वर्ग-द्वितीय कहा जाता है। 25 दिनों का यह आवासीय प्रशिक्षण वर्ष में एक बार नागपुर के रेशिमबाग स्थित स्मृति मंदिर में ही होता है। वर्ग में 18 से 40 वर्ष के स्वयंसेवक शामिल होते हैं।
यहां संपूर्ण भारत के वही स्वयंसेवक शामिल होते हैं, जो संघ के मापदंडों पर खरा उतरते हैं और इसके पहले के सारे प्रशिक्षण प्राप्त किए होते हैं। कार्यकर्ता विकास वर्ग-द्वितीय में लघु भारत की प्रत्यक्ष अनुभूति होती है।
दो बार कुप्पाघाट आए हैं डॉ. मोहन राव भागवत
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन राव भागवत दो बार महर्षि मेंहीं आश्रम कुप्पाघाट आए हैं। पहली बार वर्ष 2023 के फरवरी माह आए, जब उन्होंने नए भवन का उद्घाटन किया था।
22 दिसंबर 2023 को श्री भागवत ने यहां महर्षि मेंहीं एक विचार का लुकआउट जारी किया था। इस दौरान उन्होंने यहां के वर्तमान आचार्य हरिनंदन बाबा, स्वामी सत्यप्रकाश बाबा सहित कई संतों से भेंट की थी।