भागलपुर : वरिष्ठ भाजपा नेता सह पूर्व केन्द्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा है कि उनकी इच्छा है बिहार विधानसभा चुनाव एनडीए के रूप में ही भाजपा के नेतृत्व में लड़े। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले से हमलोगों के साथ थे, अभी भी हैं और आगे भी रहेंगे। लेकिन विधानसभा चुनाव में भाजपा एनडीए का नेतृत्व करे और स्वयं पूर्ण बहुमत हासिल करे।
अश्विनी चौबे ने बुधवार को भागलपुर में प्रेस वार्ता में तमाम बातें कहीं। हालांकि उन्होंने इस शब्द पर जोर दिया कि यह उनकी इच्छा है। उन्होंने पार्टी की अंदरुनी मामलों पर भी अपनी राय व्यक्त की और कहा कि- मेरी समझ से प्रदेश हो या जिला कहीं भी किसी आयातित व्यक्ति को अध्यक्ष का जिम्मा नहीं सौंपना चाहिए, बल्कि भाजपा संगठन के मूल से जुड़े व्यक्ति को ही अध्यक्ष की कमान देनी चाहिए। एमएलए, एमपी, मंत्री आदि पद पर किसी व्यक्ति को पार्टी जिम्मेदारी दे, लेकिन अध्यक्ष के लिए इन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
चौबे ने यह भी स्पष्ट किया कि अब वह चुनावी राजनीति से दूर रहेंगे लेकिन पांच साल तक सक्रिय राजनीति का हिस्सा रहेंगे। समाज सेवा से जुड़े रहेंगे। राज्यपाल बनाए जाने की चर्चा पर कहा- चर्चाएं होती रहती हैं।
जेपी के विचारों से इमरजेंसी की भयावहता से अवगत कराएंगे
अश्विनी चौबे ने कहा कि मंगलवार को दिल्ली में 1974 जेपी आंदोलन के 50वें साल में प्रवेश करने को लेकर स्वर्ण जयंती वर्ष का शुभारंभ हो चुका है। उन्होंने कहा कि जेपी आंदोलन में मैं फुलवारीशरीफ जेल में था, तो वहां मैंने सत्याग्रह शुरू किया तो मेरे ऊपर काफी अत्याचार किये गये थे। जयप्रकाश जी ने ही मुझे पीएमसीएच में भर्ती करवाया था।उन्होंने कहा कि उन्हें गर्म सलाखों से दागा गया था, आंख निकालने तक की बात हुई थी।इसलिए इस दौरान वह जेपी के विचारों,इमरजेंसी की भयावता, आंदोलन के बारे में नई पीढ़ी को अवगत कराएंगे।