भारत ने उत्तर और मध्य अरब सागर से लेकर अदन की खाड़ी तक फैले इलाके में 10 से ज्यादा युद्धपोतों को तैनात किया है।
HIGHLIGHTS
- भारत ने अरब सागर बढ़ाई सुरक्षा
- नौसेना ने तैयान किए 10 से ज्यादा युद्धपोत
- हाल ही में हुई घटना के बाद उठाया बड़ा कदम
समुद्री सुरक्षा को बढ़ाना चाहता है भारत
भारत लगातार अपनी सीमाओं को सुरक्षित कर रहा है. फिर चाहे वह स्थल सीमा हो या फिर जल सीमा. अरब सागर में बड़ी संख्या में युद्धपोतों की तैतानी करना भी इसी का हिस्सा है. जिससे समुद्री डकैतों और ड्रोन हमलों से भारतीय जहाजों को बचाया जा सके. भारत समंदर में निगरानी के लिए प्रीडेटर का भी इस्तेमाल कर रहा है. भारत ने पहले से ही लंबी दूरी के पी-8आई समुद्री गश्ती विमान और समुद्री संरक्षक ड्रोन की तैनाती की है. साथ ही खुफिया, निगरानी और टोही मिशन भी चलाए जा रहे हैं. जो नौसेना के अधिकारियों को निरीक्षण और अध्ययन के लिए उच्च-रिजॉल्यूशन लाइव फीड देते हैं।
नौसेना ने इन युद्धपोतों को किया तैनात
बता दें कि इससे पहले भारतीय नौसेना ने आईएनएस कोच्चि, आईएनएस कोलकाता, आईएनएस मोरमुगाओ के साथ आईएनएस चेन्नई और मल्टी-रोल फ्रिगेट आईएनएस तलवार और आईएनएस तरकश को तैनात समुद्र में तैनात किया था. इनके अलावा समुद्री निगरानी और सुरक्षा के लिए डोर्नियर और हेलीकॉप्टरों की भी तैनाती की गई थी. बता दें कि भारतीय नौसेना भारतीय विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र की प्रभावी निगरानी सुनिश्चित करने के लिए तटरक्षक बल के साथ मिलकर काम कर रही है. नौसेना अपनी समुद्री सीमा के साथ-साथ बाहर के क्षेत्र यानी इंडियन एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन के प्रभावी सर्विलांस के लिए कोस्ट गार्ड के साथ मिलकर काम कर रही है।