फिजी की 2 दिवसीय यात्रा पर गईं राष्ट्रपति द्राैपदी मुर्मु ने मंगलवार (6 अगस्त, 2024) काे वहां की संसद को संबोधित किया। फिजी की संसद को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि भारत वैश्विक मंच पर मजबूती से उभर रहा है। भारत एक मजबूत, लचीला और अधिक समृद्ध राष्ट्र बनने के साथ-साथ प्राथमिकताओं के अनुसार फिजी के साथ साझेदारी करने के लिए तैयार है। उन्हाेंने इस माैके पर दोनों देशों के लोगों के पारस्परिक लाभ के लिए अपनी साझेदारी की पूरी क्षमता का उपयोग करने के लिए एक साथ आने काे कहा। राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि ग्लोबल साउथ की एक शक्तिशाली आवाज के रूप में, भारत जलवायु वित्त और जलवायु प्रौद्योगिकी दोनों के लिए विकसित देशों पर दबाव डालता रहेगा। हम जलवायु न्याय के लिए फिजी और अन्य महासागरीय राज्यों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहेंगे।
भारत और फिजी में जीवंत लोकतंत्र सहित काफी कुछ एक समान
राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि आकार में बहुत अंतर होने के बावजूद भारत और फिजी में जीवंत लोकतंत्र सहित काफी कुछ एक समान है। उन्होंने कहा कि 10 वर्ष पहले इसी हॉल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कुछ मूल्यों का जिक्र किया था जो भारत और फिजी को जोड़ते हैं। उन्हाेंने कहा कि हमारा लोकतंत्र, हमारे समाज की विविधता तथा प्रत्येक व्यक्ति की स्वतंत्रता, सम्मान और अधिकारों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता काे बताता है। ये साझा मूल्य शाश्वत हैं, आगे भी हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे।
बाकी दुनिया को फिजी से बहुत कुछ सीखने की जरूरत
द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि बाकी दुनिया को फिजी से बहुत कुछ सीखने की जरूरत है। फिजी की सौम्य जीवनशैली, परंपराओं तथा रीति-रिवाजों के प्रति गहरा सम्मान, खुला और बहुसांस्कृतिक वातावरण, फिजी को तेजी से संघर्षों में घिर रही इस दुनिया में इतना खास बनाता है। इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि फिजी वह जगह है, जहां बाकी दुनिया अपनी खुशियां ढूंढने आती है। राष्ट्रपति मुर्मु अपनी तीन देशों की यात्रा के पहले चरण में फिजी की राजधानी सुवा में हैं।
भारत एक सक्षम और संवेदनशील देश के रूप में उभर रहा है
फिजी में अपने संबाेधन में राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि भारत एक सक्षम और संवेदनशील देश के रूप में उभर रहा है। हमने वैश्विक मंच पर महत्वपूर्ण नेतृत्व की भूमिका निभाई है। पिछले वर्ष हमारी जी-20 अध्यक्षता की ऐतिहासिक सफलता ने दर्शाया कि भारत का समावेशी, निर्णायक, महत्वाकांक्षी और कार्योन्मुखी नेतृत्व विश्व के लिए क्या कर सकता है। जैसा कि हमने जी-20 की अध्यक्षता के दौरान किया था। हम ग्लोबल साउथ के हितों को जोर से आवाज देने के लिए हर वैश्विक मंच का उपयोग करना जारी रखेंगे और भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक निष्पक्ष, न्यायसंगत और सुरक्षित दुनिया बनाने का प्रयास करेंगे।
भारत सरकार ने प्रवासी भारतीयों के लिए अनेक पहलें शुरू की
उन्हाेंने कहा कि भारत सरकार ने प्रवासी भारतीयों के साथ संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने तथा उनकी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया कार्ड या ओसीआई कार्ड सहित अनेक पहलें शुरू की हैं। प्रवासी परिवारों की युवा पीढ़ी के लिए हमारे पास उन्हें अपनी भारतीय जड़ों से जोड़ने के लिए एक “भारत को जानो कार्यक्रम” है। मुझे यह जानकर बहुत खुशी हो रही है कि बड़ी संख्या में फिजी के युवा इस कार्यक्रम से लाभान्वित हुए हैं।
सुवा में नयी परियोजनाएं प्रशांत क्षेत्र के लोगों की जरूरतों को पूरा करने में करेंगी मदद
फिजी की संसद में अपने संबोधन के दौरान राष्ट्रपति मुर्मु ने यह भी कहा कि 145 वर्ष से भी अधिक समय पूर्व, नियति ने हमारे दोनों देशों को एक साथ जोड़ा, जब “गिरमिटया” श्रमिक, पहली बार भारत से फिजी द्वीप के तट पर पहुंचे थे। यद्यपि उनका यहाँ आरंभिक जीवन खतरे और कठिनाई से भरा रहा, यह जानकर खुशी होती है, कि कैसे “गिरमिटया” और उनके वंशजों को इस देश ने अपनाया है। बदले में, उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और परिश्रम से अपनी नई मातृभूमि के निर्माण में व्यापक योगदान दिया है। राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि सुवा में स्थापित होने वाले ‘सुपर स्पेशलिटी कार्डियोलॉजी हॉस्पिटल’ सहित नयी परियोजनाएं फिजी और व्यापक प्रशांत क्षेत्र के लोगों की प्राथमिकता वाली जरूरतों को पूरा करने में मदद करेंगी।
राष्ट्रपति मुर्मू ने शहीद सैनिकों को दी श्रद्धांजलि
बता दें, आज राष्ट्रपति मुर्मू का ‘स्टेट हाउस’ में फिजी के राष्ट्रपति कटोनिवेरे ने स्वागत किया, जहां दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने के तरीकों पर चर्चा की। फिजी के राष्ट्रपति रातू विलियामे मैवलीली कटोनिवेरे ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को फिजी का सर्वोच्च नागरिक सम्मान कंपेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फिजी से सम्मानित किया। द्रौपदी मुर्मु ने सुवा में महात्मा गांधी मेमोरियल हाई स्कूल में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और वहां उपस्थित छात्रों के साथ बातचीत की। इसके साथ ही उन्हाेंने सुवा में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर भी पुष्पांजलि अर्पित की और शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी।