भारत के साथ द्विपक्षीय बैठक को बेताब था चीन, पीएम मोदी ने जिनपिंग के अनुरोध को नहीं किया स्वीकार

GridArt 20230825 190147671

दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान चीन भारत से द्विपक्षीय वार्ता करने को बेताब था। चीन चाहता था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ अलग से बैठक कर द्विपक्षीय वार्ता करें, मगर इस अनुरोध को स्वीकार नहीं किया गया। पीएम मोदी जिनपिंग के साथ सिर्फ औपचारिक बातचीत करने पर सहमत हुए। भारतीय सूत्र बताते हैं कि चीन का द्विपक्षीय वार्ता का अनुरोध लंबित है। वह चाहते थे कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय वार्ता हो। मगर पीएम मोदी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन की हरकतों के चलते उनके अनुरोध को स्वीकार करने से इनकार कर दिया।

भारतीय सूत्रों ने कहा कि द्विपक्षीय बैठक के लिए चीन का अनुरोध अभी भी लंबित है। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी ने जोहान्ससबर्ग में ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) शिखर सम्मेलन से इतर बुधवार को बातचीत की थी। यह बातचीत एक व्यवस्थित द्विपक्षीय बैठक नहीं थी, बल्कि एक अनौपचारिक बैठक थी। चीनी विदेश मंत्रालय द्वारा मोदी-शी की बातचीत पर एक बयान जारी किए जाने के कुछ घंटों बाद भारतीय पक्ष के सूत्रों ने कहा कि द्विपक्षीय बैठक के लिए चीनी पक्ष की ओर से एक अनुरोध लंबित था। इस संबंध में एक सूत्र ने कहा, ‘‘ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों नेताओं ने ‘लीडर्स लाउंज’ में अनौपचारिक बातचीत की थी।’’

पीएम मोदी ने जिनपिंग के साथ वार्ता में कही ये बातें

भारत के विदेश सचिव विनय क्वात्रा के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर बातचीत के दौरान शी चिनफिंग को पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर ‘अनसुलझे’ मुद्दों के संबंध में भारत की चिंताओं से अवगत कराया। क्वात्रा के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखना और वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) का सम्मान भारत-चीन संबंधों को सामान्य बनाने के लिए आवश्यक है। चीनी ब्योरे में दोनों नेताओं के बीच बुधवार को हुई बातचीत को ‘‘स्पष्ट और गहन’’ बताया गया। बीजिंग के बयान में कहा गया, ‘‘(चीन के) राष्ट्रपति शी जिनपिंग और भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 23 अगस्त को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के मौके पर वर्तमान चीन-भारत संबंधों और साझा हित के अन्य मामलों पर विचारों का स्पष्ट एवं गहन आदान-प्रदान किया।

दोनों देश एलएसी पर सैनिकों की संख्या कम करने पर हुए सहमत

बीजिंग के बयान में कहा गया, ‘‘राष्ट्रपति शी ने इस बात पर जोर दिया कि चीन-भारत संबंधों में सुधार दोनों देशों और लोगों के साझा हितों को पूरा करता है और क्षेत्र एवं दुनिया की शांति, स्थिरता और विकास के लिए भी सहायक है।’’ नई दिल्ली में चीनी दूतावास द्वारा जारी बयान में कहा गया कि दोनों पक्षों को द्विपक्षीय संबंधों के समग्र हितों को ध्यान में रखना चाहिए और सीमा मुद्दे को उचित तरीके से सुलझाना चाहिए। ताकि सीमा क्षेत्र में शांति की संयुक्त रूप से रक्षा की जा सके। जोहानिसबर्ग में बृहस्पतिवार को संवाददाता सम्मेलन में क्वात्रा ने कहा था कि मोदी और शी अपने-अपने संबंधित अधिकारियों को सैनिकों के शीघ्र पीछे हटने और तनाव कम करने के प्रयासों को तेज करने का निर्देश देने पर सहमत हुए। क्वात्रा ने कहा कि मोदी ने जोहानिसबर्ग में ब्रिक्स के शिखर सम्मेलन से इतर समूह के नेताओं के साथ बातचीत की।

उन्होंने कहा कि मोदी ने शिखर सम्मेलन से इतर शी से बातचीत की और संबंधों को सामान्य बनाने के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा का सम्मान करने की महत्ता के साथ ही भारत की चिंताओं से उन्हें अवगत कराया। प्रधानमंत्री ने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के पश्चिमी सेक्टर में एलएसी पर अनसुलझे मुद्दों पर भारत की चिंताओं का उल्लेख किया। ‘‘प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं सामंजस्य बनाए रखना तथा एलएसी का सम्मान करना भारत-चीन संबंधों को सामान्य बनाने के लिए आवश्यक है।’’ क्वात्रा ने कहा, ‘‘इस संबंध में दोनों नेता अपने संबंधित अधिकारियों को सैनिकों की शीघ्र वापसी और तनाव कम करने के प्रयासों को तेज करने का निर्देश देने पर सहमत हुए।

Kumar Aditya: Anything which intefares with my social life is no. More than ten years experience in web news blogging.