भारत-मलेशिया सहयोग को व्यापक रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक ले जाएंगे : प्रधानमंत्री मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत और मलेशिया को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकजुट बताते हुए कहा कि दोनों देश आपसी सहयोग को व्यापक रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक ले जाएंगे। भारत और मलेशिया ने आज (मंगलवार) दिल्ली के हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मलेशिया के प्रधानमंत्री दातो सेरी अनवर बिन इब्राहिम की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन (MoUs) और एग्रीमेंट का आदान-प्रदान किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने हैदराबाद हाउस में मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता में कहा, “प्रधानमंत्री बनने के बाद अनवर इब्राहिम जी का ये पहला भारत दौरा है। मुझे खुशी है कि मेरे तीसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही मुझे भारत में आपका स्वागत करने का अवसर मिल रहा है। भारत और मलेशिया के बीच बढ़ी हुई रणनीतिक साझेदारी का एक दशक पूरा हो रहा है और पिछले दो सालों में, प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम के सहयोग से हमारी पार्टनरशिप में एक नई गति और ऊर्जा आई है। आज हमने आपसी सहयोग के सभी क्षेत्रों पर व्यापक रूप से चर्चा की है हमने देखा कि हमारे द्विपक्षीय व्यापार में निरंतर प्रगति हो रही है।”

उन्होंने कहा कि भारत और मलेशिया सदियों से एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। मलेशिया में रह रहे लगभग 30 लाख भारतीय प्रवासी हमारे बीच एक जीवंत पुल हैं। भारतीय संगीत, खान-पान और फेस्टिवल से लेकर मलेशिया में तोरण गेट तक हमारे लोगों ने इस मित्रता को संजोया है। पीएम मोदी ने कहा कि पिछले वर्षों में मलेशिया द्वारा भारत में 5 बिलियन डॉलर तक का निवेश किया गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा, “आज हमने निर्णय लिया है कि हम अपने सहयोग को ‘व्यापक रणनीतिक साझेदारी’ के स्तर तक ले जाएंगे। हमारा मानना है कि आर्थिक सहयोग के मामले में दोनों देशों के लिए अभी भी बहुत गुंजाइश और संभावनाएं हैं। सेमीकंडक्टर, फिनटेक, रक्षा उद्योग, एआई और क्वांटम टेक्नोलॉजी जैसे जिन क्षेत्रों में नई और आधुनिक तकनीक की जरूरत है, वहां हम सहयोग बढ़ाएंगे। डिजिटल टेक्नोलॉजी में सहयोग के लिए भारत के यूपीआई को मलेशिया के पेनेट से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा।”

उन्होंने कहा कि मलेशिया की “यूनिवर्सिटी तुन्कु अब्दुल रहमान” में एक आयुर्वेद चेयर स्थापित की जा रही है। इसके अलावा, मलेया यूनिवर्सिटी में तिरुवल्लुवर चेयर स्थापित करने का निर्णय भी लिया गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आसियान और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में मलेशिया, भारत का अहम पार्टनर है। भारत आसियान केन्द्रीयता को प्राथमिकता देता है। हम सहमत हैं कि भारत और आसियान के बीच एफटीए की समीक्षा को समयबद्ध तरीके से पूरा करना चाहिए।

संयुक्त प्रेस वार्ता में मलेशिया के प्रधानमंत्री दातो सेरी अनवर बिन इब्राहिम ने कहा कि हम सभी क्षेत्रों में इस कामकाजी संबंधों को फिर से मजबूत करेंगे, हम संवेदनशील या विपरीत बुद्धिमान सभी मुद्दों पर सच्चे भाई के रूप में चर्चा करते हैं, क्योंकि यही दोस्ती का अर्थ है। हमने कई मुद्दों पर समझ स्थापित की है और प्रधानमंत्री ने दयालुतापूर्वक उनमें से कुछ का उल्लेख किया है। लेकिन मैंने कहा है, जैसा कि हमने बैठकों में कहा है, हम इसका विस्तार करेंगे। मैं व्यक्तिगत रूप से मानता हूं, और मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यह कहा है कि ऐसे कई क्षेत्र हैं जिन पर हमें और अन्वेषण करने की आवश्यकता है, और यह दुर्भाग्यपूर्ण है पिछले कई वर्षों में, वास्तव में ऐसा कुछ नहीं हुआ है। भारत एक महान इतिहास, महान संस्कृति और सभ्यता वाला एक महत्वपूर्ण और महान राष्ट्र है।

इस दौरान दातो सेरी अनवर बिन इब्राहिम ने कहा कि हमने कई नए कार्यक्रम शुरू किए हैं और हमें उम्मीद है कि भारतीय कंपनियां मलेशियाई कंपनियों के साथ सभी क्षेत्रों में सहयोग करेंगी, जिसमें ऊर्जा परिवर्तन, डिजिटलीकरण और खाद्य सुरक्षा जैसे नए चुनौतीपूर्ण क्षेत्र भी शामिल हैं।

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