भारत में कोरोना ने फिर बढ़ाई टेंशन, नए वेरिएंट के मिले 324 केस…आपको डरने की कितनी जरूरत?

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भारत में भारी तबाही मचा चुकी कोरोना वायरस की दूसरी लहर कभी भुलाई नहीं जा सकती, लेकिन यह घातक वायरस एक बार फिर से अपना फन उठा रहा है…

भारत समेत दुनिया के तमाम देशों में कहर मचा चुका कोरोना वायरस एक बार फिर अपना फन उठा रहा है. कोरोना वायरस के नए सब वेरिएंट ने अब भारत में दस्तक दी है. जबकि इससे पहले यह वायरस सिंगापुर में तबाही मचा चुका है. इंसाकोग (INSACOG) से जुड़े सूत्रों के अनुसार भारत में कोरोना के सब वेरिएंट  KP2 और  KP1 के 324 केस मिले हैं. कोरोना के ये दोनों ही वेरिएंट जेएन.1 वेरिएंट के उप वेरिएंट हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कोरोना वायरस के म्यूटेशन को लेकर लगातार मॉनिटिरिंग की जा रही है, जिसके चलते यह आंकड़ा सामने निकलकर आया है.

कितना खतरनाक है कोरोना का नया सब वेरिएंट KP2 और  KP1 

पूर्व डॉ. सीजी पंडित नेशनल चेयर एंड हेड, एपिडेमियोलॉजी एंड कम्‍यूनिकेबल डिजीज आईसीएमआर डॉ. आरआर गंगाखेड़कर के अनुसार JN1 के सब वेरिएंट   KP2 और  KP1 के जो केस मिले हैं, उनमें कोई भी सीनियर नहीं है. इन केसों में से किसी को भी हॉस्पिटल में भर्ती कराने की नौबत नहीं आई है. उन्होंने बताया कि कोरोना के डेल्टा वेरिएंट के बाद ओमिक्रोन आया, जिसके बाद  JN1 आया और अब स्पाइक प्रोटीन से म्यूटेट होने के बाद KP2 और  KP1 आ गए हैं. लेकिन राहत की बात यह है कि कोरोना के इस सब वेरिएंट में खतरे की संभावना कम है. म्यूटेशन के इस प्रक्रिया के चलते मरीजों के लक्षण और गंभीरता कम होती जा रही है. इसके चलते अस्पतालो में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या भी कम हो रही है.

कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर कितनी सावधानी की जरूरत

डॉक्टर ने बताया कि कोरोना वायरस म्यूटेशन की स्थिति में संक्रमण तो बढ़ रहा है, लेकिन खतरा घट रहा है. अगर ऐसा ही रहा तो हो सकता है कि आने वाले समय में लोग कोरोना के बारे में बातचीत करना भी बंद कर दें. उन्होंने बताया कि कोरोना के इस सब वेरिएंट से लोगों को बिल्कुल भी घबराने की जरूरत नहीं और अगले 30 से 45 दिन में ये दोनों वेरिएंट खत्म हो जाएंगे. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि केपी1 और केपी2 वेरिएंट जिस ग्रुप से जुड़े हैं, उसको FLiRT का नाम दिया गया है।