सरकार ने आज यूनिसेफ की उस रिपोर्ट को गलत बताया जिसमें कहा गया है कि भारत में टीकाकरण से वंचित बच्चों की संख्या अधिक है। यह रिपोर्ट देश में टीकाकरण की अधूरी तस्वीर को दिखाती है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि उन्हें यह समझना चाहिए की इन देशों के जनसंख्या आधार और टीकाकरण कवरेज की तुलना में कोई कारक नहीं है। मंत्रालय ने कहा कि रिपोर्टें भारत की जनसंख्या और उच्च टीकाकरण कवरेज पर विचार किए बिना देशों के साथ त्रुटिपूर्ण तुलना प्रस्तुत करती हैं।
इसमें इस बात पर ध्यान आकृष्ट किया गया कि सरकार के टीकाकरण प्रयासों की सटीक और संपूर्ण स्थिति का अनुमान डेटा और कार्यक्रम संबंधी हस्तक्षेपों की व्यापक समझ के माध्यम से लगाया जा सकता है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि कुल जनसंख्या के प्रतिशत के रूप में, शून्य-खुराक वाले बच्चे देश की कुल जनसंख्या का 0.11 प्रतिशत हैं। इसमें पाया गया कि भारत की बड़ी आबादी के कारण, पूरे देश में शून्य खुराक वाले बच्चों की संख्या अधिक है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए देश का पूर्ण टीकाकरण कवरेज 93.23 प्रतिशत है और भारत का टीकाकरण कार्यक्रम विश्व स्तर पर सबसे बड़ी सार्वजनिक स्वास्थ्य पहल है।
बयान में यह भी कहा गया है कि इस पहल के तहत 1.2 करोड़ टीकाकरण सत्रों के माध्यम से सालाना 2.6 करोड़ बच्चों और 2.9 करोड़ गर्भवती महिलाओं के एक बडे समूह को लक्षित करता है। मिशन इंद्रधनुष के तहत 2023 तक 5.46 करोड़ बच्चों और 1.32 करोड़ गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया जा चुका है।