भारी बारिश के चलते शनिवार को कश्मीर में अमरनाथ यात्रा, जबकि उत्तराखंड में चारधाम यात्रा बाधित रही। उत्तराखंड के नौ जिलों में भारी बारिश की चेतावनी के चलते सरकार ने सभी श्रद्धालुओं और पर्यटकों से रविवार को ऋषिकेश से आगे चारधाम की यात्रा प्रारंभ नहीं करने की अपील की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी जिलाधिकारियों को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं।
भारी बारिश के कारण शनिवार को अमरनाथ यात्रा अस्थायी तौर पर रोक दी गई है। अधिकारियों ने बताया कि यात्रा दोनों मार्गों पर रोकी गई है। अमरनाथ गुफा मंदिर के दोनों मार्गों बालटाल और पहलगाम पर शुक्रवार रात से ही रुक-रुक कर भारी बारिश हो रही है। तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए यात्रा को अस्थायी रूप से स्थगित करने का निर्णय लिया गया है। वहीं, चारधाम यात्रा मार्ग कई स्थानों पर मलबा आने से घंटों बंद रहे।
तीन लोगों की जान गई
उत्तराखंड में भारी बारिश से हादसों में तीन लोगों की मौत हो गई। बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे पर वाहनों की आवाजाही बाधित रही। कुमाऊं में रामनगर-रानीखेत हाईवे पर बना 80 साल पुराना पुल टूट गया। ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर कर्णप्रयाग के पास शनिवार सुबह चट्टान गिरने से उसके नीचे दबकर दो बाइक सवार यात्रियों की मौत हो गई। हैदराबाद निवासी दोनों तीर्थयात्री बदरीनाथ से दर्शन कर ऋषिकेश लौट रहे थे। वहीं, कुमाऊं के बनबसा में हुड्डी नदी के बहाव में हेलागोठ निवासी महिला बह गई।
सड़कों पर मलबा
बदरीनाथ राजमार्ग ऋषिकेश से बदरीनाथ तक जगह-जगह मलबा आने से दिनभर बाधित रहा। बदरीनाथ, केदारनाथ और हेमकुंड साहिब के यात्रियों को मुश्किल झेलनी पड़ी। इसी तरह गौचर के समीप कमेड़ा, जोशीमठ के पास कंचनगंगा, पाखी, छिनका आदि स्थानों पर पहाड़ी से लगातार मलबा आने से यातायात बाधित होता रहा। केदारनाथ हाईवे भी रुद्रप्रयाग से गौरीकुंड के बीच जगह-जगह पर मलबा आने से बंद रहा। गंगोत्री हाईवे हेल्गूगाड़ में एक घंटे और यमुनोत्री हाईवे डाबरकोट में मलबा और बोल्डर गिरने से ढाई घंटे बंद रहा। ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे चंबा के पास भी ढाई घंटे बंद रहा।
नेपाल में भारी बारिश से कोसी-गंडक में उफान
पटना/बेतिया। नेपाल में लगातार हो रही बारिश के बाद गंडक और कोसी में भारी उफान है। महज 24 घंटे में कोसी में 1.55 लाख क्यूसेक जबकि गंडक में 1.35 लाख क्यूसेक जल बढ़ गया है। इससे कई और नदियों में उफान की संभावना है। अगले 24 से 72 घंटे में इन नदियों के कई स्थानों पर खतरे के निशान पार होने की संभावना है।