शेखपुरा में उमस और भीषण गर्मी के कारण मध्य विद्यालय मनकौल में पढ़ने वाले 14 से ज्यादा छात्रों की तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद इस खबर ने बिहार के लोगों को डरा दिया है. बता दें कि तबीयत बिगड़ने के बाद एक के बाद एक छात्र बेहोश होने लगे.
मुख्य तथ्य
- बिहार में भीषण गर्मी का कहर जारी
- भीषण गर्मी के चलते स्कूल में बेहोश हुईं 14 छात्राएं
- छात्राओं को सदर अस्पताल में कराया गया भर्ती
देशभर में भीषण गर्मी का कहर जारी है. अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर दर्ज किया जा रहा है. दिल्ली में 50 डिग्री के करीब पहुंचे अधिकतम तापमान (49.9 डिग्री) ने पिछले 100 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. इसके अलावा, राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार भी भीषण गर्मी की चपेट में हैं. कई राज्यों के स्कूलों में गर्मी की छुट्टियां हैं लेकिन बिहार में अभी भी पढ़ाई जारी है. इस बीच शेखपुरा में उमस और भीषण गर्मी के कारण मध्य विद्यालय मनकौल में पढ़ने वाले 14 से ज्यादा छात्रों की तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद इस खबर ने बिहार के लोगों को डरा दिया है. बता दें कि तबीयत बिगड़ने के बाद एक के बाद एक छात्र बेहोश होने लगे और इस घटना से शिक्षकों में हड़कंप मच गया. घटना के बाद तुरंत कार्रवाई करते हुए, कुछ छात्राओं को सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज चल रहा है. जबकि दो छात्राओं को निजी क्लीनिक में भी भर्ती कराया गया है.
छात्राओं को सदर अस्पताल में कराया गया भर्ती
आपको बता दें कि एंबुलेंस के समय पर न पहुंचने से ग्रामीणों में काफी गुस्सा था. घटना के बाद बड़ी संख्या में ग्रामीण भी स्कूल पहुंचे और बेहोश छात्रों के चेहरे पर पानी डालकर उन्हें होश में लाने की कोशिश की. शिक्षा विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने गांव के पास मुख्य सड़क को जाम कर दिया और हंगामा करने लगे. फिलहाल सभी छात्राओं का इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है.
शिक्षा विभाग पर भड़के ग्रामीण
वहीं इस घटना को लेकर ग्रामीणों का कहना है कि, ”भीषण गर्मी में भी बच्चों को स्कूल भेजने के लिए मजबूर किया जा रहा है. इस वजह से बच्चे सुबह भूखे स्कूल चले जा जाते हैं. जिला भीषण गर्मी की चपेट में है. अगर जल्द ही इस संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया गया तो बच्चों के साथ कुछ भी अनहोनी हो सकती है.”
डॉक्टर ने दी जानकारी
इसके अलावा आपको बता दें कि सदर अस्पताल के डॉ. रजनीकांत कुमार ने बताया कि बढ़ते तापमान के कारण छात्रों को परेशानी हो रही है. यहां भर्ती छात्रों की हालत अब स्थिर है, वहीं डॉ. सत्येंद्र ने कहा कि छात्रों को हमेशा हाइड्रेटेड रहना चाहिए. उन्हें जितना संभव हो उतना पानी पीना चाहिए और गर्मी में बाहर न निकलने की सलाह दी जाती है। सभी छात्रों को अपने साथ पानी की बोतल रखनी चाहिए.