महाराष्ट्र में NDA की हो सकती थी और बुरी हालत, जानें कहां धोखा खा गया I.N.D.I.A. गठबंधन
लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को जिन राज्यों में बड़ा झटका लगा है उनमें महाराष्ट्र भी शामिल है। 2019 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने जहां सूबे में 23 सीटें जीती थीं वहीं 2024 में ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने के बावजूद उसका आंकड़ा 9 सीटों पर सिमट गया। BJP के नेतृत्व वाले NDA ने जहां 2019 के लोकसभा चुनावों में 41 सीटों पर परचम लहराया था वहीं 2024 में यह आंकड़ा मात्र 17 सीटों पर सिमट गया। सूबे में NDA की हालत और खराब हो सकती थी यदि I.N.D.I.A. गठबंधन या महा विकास आघाडी ने वंचित बहुजन आघाडी के प्रमुख प्रकाश आंबेडकर को साध लिया होता।
7 सीटों पर साफ दिखा VBA का असर
दरअसल, प्रकाश आंबेडकर की अगुवाई वाली वंचित बहुजन आघाडी (VBA) ने हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में कोई भी सीट नहीं जीती, लेकिन कम से कम 7 सीटों के नतीजों को प्रभावित किया। नतीजों का विश्लेषण करने पर पता चलता है कि यदि VBA को I.N.D.I.A. गठबंधन में शामिल किया जाता तो इन सातों सीटों में से कुछ विपक्षी गठबंधन के पक्ष में जा सकती थीं। इन सीटों में मुंबई उत्तर-पश्चिम भी शामिल है, जहां शिवसेना (UBT) उम्मीदवार सिर्फ 48 मतों से चुनाव हार गए। MVA के साथ गठबंधन के लिए असफल वार्ता के बाद, VBA ने राज्य की 48 लोकसभा सीट में से अधिकांश पर अपने उम्मीदवार उतारे या उम्मीदवारों का समर्थन किया।
अकोला में त्रिकोणीय मुकाबले में जीती BJP
डॉ भीम राव आंबेडकर के पोते प्रकाश आंबेडकर ने अकोला सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 70 साल के दलित नेता ने इससे पहले 2 बार लोकसभा में अकोला का प्रतिनिधित्व किया है। इस बार, VBA नेता के मैदान में उतरने से अकोला में मुकाबला त्रिकोणीय हो गया। BJP के उम्मीदवार अनूप धोत्रे और कांग्रेस के उम्मीदवार अभय काशीनाथ पाटिल विदर्भ क्षेत्र की इस सीट पर 2 अन्य प्रमुख प्रतिद्वंद्वी थे। धोत्रे ने 4,57,030 वोट हासिल करके जीत दर्ज की। उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी पाटिल को 4,16,404 वोट मिले, जबकि आंबेडकर 2,76,747 मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहे, जिसने अंतिम परिणाम को प्रभावित किया।
औरंगाबाद में भी VBA ने दिखाया बड़ा असर
औरंगाबाद (छत्रपति संभाजीनगर) में शिवसेना उम्मीदवार संदीपनराव भुमरे ने 1,34,650 वोटों के अंतर से जीत हासिल की। उन्हें 4,76,130 वोट मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी और मौजूदा सांसद ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के इम्तियाज जलील को 3,41,480 वोट मिले। 2019 में VBA ने AIMIM के साथ गठबंधन किया था, जिसके कारण जलील को औरंगाबाद सीट पर मामूली अंतर से जीत मिली थी। हालांकि, इस बार VBA ने अपने उम्मीदवार अफसर खान यासीन को उतारा, जिन्हें 69,266 वोट मिले। हालांकि, इससे मौजूदा चुनाव के नतीजों पर बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ा।
बीड में अच्छा-खासा वोट बटोरने में कामयाब रही VBA
बीड में NCP (SP) के उम्मीदवार बजरंग सोनवणे ने अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी BJP उम्मीदवार पंकजा मुंडे को 6,553 मतों के अंतर से हराया। चौथे स्थान पर रहे VBA उम्मीदवार अशोक हिंगे को 50,867 मत मिले। शिवसेना (UBT) के उम्मीदवार नागेश पाटिल अष्टीकर ने शिवसेना के बाबूराव कोहलीकर को 1,08,602 वोटों के अंतर से हराकर हिंगोली निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की। अष्टीकर को 4,92,535 वोट मिले, कोहलीकर को 3,83,933 वोट मिले, जबकि VBA उम्मीदवार डॉ. बी.डी. चव्हाण को 1,61,814 वोट मिले
नांदेड़ की सीट पर भी तीसरे नंबर पर रही VBA
नांदेड़ से कांग्रेस उम्मीदवार वसंत चव्हाण ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी BJP उम्मीदवार प्रतापराव चिखलीकर को 59,442 मतों से हराया। मध्य महाराष्ट्र की इस सीट पर वसंत चव्हाण को 5,28,894 वोट मिले, जबकि चिखलीकर को 4,69,452 वोट मिले। तीसरे स्थान पर रहे VBA उम्मीदवार अविनाश भोसीकर को 92,512 वोट मिले। इस तरह देखा जाए तो महाराष्ट्र की कुछ अहम सीटों पर VBA ने हार और जीत के बीच का अंतर पैदा किया। यदि महा विकास आघाडी प्रकाश आंबेडकर को अपने साथ लाने में कामयाब हो जाती तो सूबे में NDA को और बड़ा नुकसान हो सकता था।
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