महिला ने ऑटो-रिक्शा में दिया बच्चे को जन्म, अस्पताल वालों पर एंट्री न देने का आरोप

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मध्यप्रदेश में एक महिल ने ऑटो-रिक्शा में अपने बच्चे को जन्म दिया. घटना राज्य के नीमच जिले की बताई जा रही है, जहां एक जिला अस्पताल ने जब गर्भवती महिला को भर्ती नहीं किया, तो उसने मजबूरन एक ऑटो-रिक्शा में अपने बच्चे को जन्म दिया.

मध्यप्रदेश में एक महिल ने ऑटो-रिक्शा में अपने बच्चे को जन्म दिया. घटना राज्य के नीमच जिले की बताई जा रही है, जहां एक जिला अस्पताल ने जब गर्भवती महिला को भर्ती नहीं किया, तो उसने मजबूरन एक ऑटो-रिक्शा में अपने बच्चे को जन्म दिया. हालांकि घटना के बाद, मां और बच्चे को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां वह अभी ठीक है. मामले में मिली जानकारी के मुताबिक, जिला कलेक्टर ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं।

महिला की पहचान दिनेश सिलावट की पत्नी रजनी के तौर पर हुई हैं, जोकि मूल रूप से राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले के गंगरार क्षेत्र के रहने वाली हैं. दिनेश कंबल बेचकर अपने परिवार का पेट पालते हैं.

दिनेश ने मामले की ज्यादा जानकारी देते हुए बताया कि, वह कुछ दिनों से नीमच के मालखेड़ा गांव में रह रहे हैं. बुधवार दोपहर करीब ढाई बजे रजनी को प्रसव पीड़ा शुरू हुई. वह उसे एक रिक्शा में इस शहर के जिला अस्पताल ले गए. हालांकि, उन्होंने दावा किया कि अस्पताल के कर्मचारियों ने उनसे अपनी पत्नी को राजस्थान के उदयपुर ले जाने के लिए कहा.

उन्होंने कहा कि, “मेरे बार-बार अनुरोध करने के बावजूद, वे नहीं माने और महिला कर्मचारियों ने हमें अस्पताल छोड़ने के लिए कहा. जैसे ही हम शाम 4 बजे के आसपास अस्पताल से बाहर आए, मेरी पत्नी ने ऑटो-रिक्शा में बच्चे को जन्म दिया. जब मेरी पत्नी ने बच्चे को जन्म दिया तो कुछ नेकदिल लोगों ने उसे गोपनीयता प्रदान करने के लिए चादरों की व्यवस्था की.”

दिनेश के मुताबिक, जब मेडिकल स्टाफ को डिलीवरी की जानकारी दी गई तो महिला और उसके नवजात को अस्पताल में रहने की इजाजत दे दी गई. प्रसूति विभाग के प्रमुख डॉ. लाड धाकड़ ने कहा कि, एनेस्थेटिस्ट के छुट्टी पर होने के कारण वहां सिजेरियन प्रसव संभव नहीं था.

वहीं मामले में नीमच कलेक्टर दिनेश जैन का बयान सामने आया है, उन्होंने कहा है कि, उन्होंने जांच के आदेश दे दिए हैं और अगर कोई दोषी पाया गया तो कार्रवाई की जाएगी.
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