पटना : पटना हाईकोर्ट में राज्य के जेलों में अपने मां के साथ बंद एक से छह वर्ष के बच्चों को शिक्षित करने के मामले पर सुनवाई छठ पूजा अवकाश के बाद होगी. इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस केवी चंद्रन की खंडपीठ कर रही है. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने इन बच्चों की शिक्षा की व्यवस्था करने के लिए कार्रवाई करने का आदेश जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव को दिया था.
228 नाबालिग को शिक्षित करने का मामला
पटना हाईकोर्ट ने पहले की सुनवाई में राज्य सरकार को स्थिति स्पष्ट करते हुए जवाब देने का निर्देश दिया था. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने शिक्षा विभाग के डीईओ को हर संभव सहयोग करने का का निर्देश दिया था. हाईकोर्ट ने राज्य के विभिन्न जेलों में अपने मां के साथ एक से छह वर्ष के बीच बंद 103 बालक और 125 बालिकाओ को शिक्षित करने के कार्रवाई पर जोर दिया था.
कहां पर कितने बच्चे हैं बंद?
इसके पूर्व कोर्ट को बताया गया कि राज्य के जेलों में 50682 पुरुष और 2350 महिला विचाराधीन बंद हैं, जबकि 6995 पुरुष और 212 महिला सजायफ्ता बन्द है. कोर्ट को बताया गया था कि सबसे ज्यादा भागलपुर महिला मंडल कारा और नवादा मंडल कारा में 16-16, कटिहार मंडल कारा में 14, गया केंद्रीय कारा में 13, बेतिया मंडल कारा में 10, बेऊर आदर्श केंद्रीय कारा में 9, मुज़फ्फरपुर, पूर्णिया केंद्रीय कारा व सिवान,आरा,सीतामढ़ी, जहानाबाद मंडल कारा में 8-8, दरभंगा मंडल कारा में 7 नाबालिग बच्चें अपनी अपनी मां के साथ बंद हैं.
छठ पूजा अवकाश के बाद होगी सुनवाई
पटना हाईकोर्ट ने यह भी जानकारी दी थी कि पूरे प्रदेश के जेलों में इस प्रकार कुल 103 बच्चे व 125 बच्चियां बंद हैं. कोर्ट ने कुल 228 नाबालिग को शिक्षित करने के लिए कार्रवाई करने का आदेश दिया था. इस मामले पर अगली सुनवाई छठ पूजा के अवकाश के बाद होगी.