बसपा सुप्रीमो मायावती ने मंगलवार देर रात अपने भतीजे आकाश आनंद को उत्तराधिकारी के साथ ही नेशनल कोऑर्डिनेटर के पद से भी हटा दिया।उन्होंने स्वयं एक्स पर कहा,पूर्ण परिपक्वता आने तक उन्हें इन दोनों जिम्मेदारियों से अलग किया जा रहा है। गौर हो कि आकाश ने सीतापुर में 28 अप्रैल को भाजपा पर तीखा प्रहार किया था। उन्होंने कुछ ऐसे शब्दों का भी इस्तेमाल किया था, जिसके चलते उन पर एफआईआर हुई थी।
मायावती ने मंगलवार को देर रात अपने ट्वीट में लिखा, “विदित है कि बीएसपी एक पार्टी के साथ ही बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव आम्बेडकर के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान तथा सामाजिक परिवर्तन का भी मूवमेन्ट है जिसके लिए मान्य. श्री कांशीराम जी व मैंने ख़ुद भी अपनी पूरी ज़िन्दगी समर्पित की है और इसे गति देने के लिए नई पीढ़ी को भी तैयार किया जा रहा है.’’
उन्होंने लिखा, “इसी क्रम में पार्टी में, अन्य लोगों को आगे बढ़ाने के साथ ही, श्री आकाश आनन्द को नेशनल कोऑर्डिनेटर व अपना उत्तराधिकारी घोषित किया, किन्तु पार्टी व मूवमेन्ट के व्यापक हित में पूर्ण परिपक्वता (maturity) आने तक अभी उन्हें इन दोनों अहम ज़िम्मेदारियों से अलग किया जा रहा है. जबकि इनके पिता श्री आनन्द कुमार पार्टी व मूवमेन्ट में अपनी ज़िम्मेदारी पहले की तरह ही निभाते रहेंगे.”
सवाल ये है कि मायावती ने ऐसे वक़्त पर ये कदम क्यों उठाया, जब लोकसभा चुनाव के चार चरण बाकी हैं.
वो भी पार्टी के स्टार प्रचार आकाश आनंद के ख़िलाफ़ जिन्होंने पिछले कुछ समय से अपनी रैलियों से बीएसपी को मतदाताओं के बीच काफ़ी चर्चा में ला दिया था.