विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के अध्यक्ष मुकेश सहनी के पिता जीतन सहनी हत्याकांड में पहली गिरफ्तारी हुई है। पुलिस ने मोहमद काजिम अंसारी को गिरफ्तार किया गया है। दरभंगा SSP ने मोहमद काजिम अंसारी की गिरफ्तारी की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि काजिम अंसारी ने 2022 में 1 लाख ब्याज पर लिया था। इसके बाद उसने वर्ष 2023 में 50 हजार रुपये 4% सूद पर लिया था। उसका ब्याज लगातार बढ़ रहा था और काजिम पर उधारी चुकाने का दबाव था। इसी बात पर दो दिन पहले ब्याज कम करने को लेकर झगड़ा हुआ था। दरभंगा SSP ने मोहमद काजिम अंसारी की गिरफ्तारी की पुष्टि की है।
चार लोग जीतन सहनी के घर में घुसे थे
इससे पहले पुलिस ने जीतन सहनी की जघन्य हत्या की जांच के सिलसिले में पूछताछ के लिए कुल चार लोगों को हिरासत में लिया था। दरभंगा जिला पुलिस की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, “सीसीटीवी फुटेज के विश्लेषण से पता चला है कि चार लोग 15 जुलाई की रात करीब 10.30 बजे जीतन सहनी के घर में प्रवेश किये और कुछ देर भीतर रहने के बाद बाहर निकल गए।” पूर्व राज्य मंत्री मुकेश सहनी के 70 वर्षीय पिता की 16 जुलाई को दरभंगा जिले में उनके पैतृक आवास में धारदार हथियार से हमला कर हत्या कर दी गई थी।
सभी अहम साक्ष्यों की फोरेंसिक जांच
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि घटनास्थल से एकत्र किए गए सभी महत्वपूर्ण साक्ष्यों की फोरेंसिक जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि जांचकर्ता ‘अपराध में प्रयुक्त हथियार’ भी बरामद करने का प्रयास कर रहे हैं। जांच के लिए जिला पुलिस की एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित की गई है। जीतन सहनी का अंतिम संस्कार मंगलवार को किया गया। घटना के बाद केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान, जीतन राम मांझी, बिहार के उपमुख्यमंत्री और प्रदेश भाजपा प्रमुख सम्राट चौधरी तथा राजद नेता तेजस्वी यादव समेत कई नेताओं ने इस हत्याकांड की निंदा की।
पेशेवर तरीके से जांच कर रही है पुलिस-राय
बुधवार को पटना में पत्रकारों से बात करते हुए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा, “बिहार पुलिस इस मामले की बेहद पेशेवर तरीके से जांच कर रही है। हत्यारे जल्द ही पुलिस की गिरफ्त में होंगे। यह बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली राजग सरकार है, जहां हत्यारे खुलेआम नहीं घूम सकते।” राय ने राजद के नेतृत्व वाले विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा, “जब राजद सत्ता में थी, तो मुख्यमंत्री का आवास सभी आपराधिक गिरोहों का मुख्यालय बन गया था। अब, नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार के तहत यह संभव नहीं है।