मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि लोकसभा चुनाव के बाद और एक लाख लोगों को नौकरी दी जाएगी। इसकी तैयारी पूर्व से चल रही है। वहीं, अगले वर्ष विस चुनाव से पहले तक दस लाख को नौकरी दे देंगे। मुख्यमंत्री सोमवार को सीवान और वाल्मीकिनगर लोकसभा क्षेत्र में एनडीए उम्मीदवारों के समर्थन में चुनावी सभाओं को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में जाति आधारित गणना कराई गई है। इसके साथ सबकी आर्थिक स्थिति का आकलन भी हुआ है। प्रदेश के 94 लाख गरीब परिवारों को दो-दो लाख रुपये की मदद दी जा रही है। उन्होंने कहा कि 60 वर्ष पुराने राज्य के मंदिरों की चहारदीवारी कराई जाएगी। चहारदीवारी होने से मंदिर सुरक्षित हो जाएगा। हम तो सबके लिए काम करते हैं। कब्रिस्तान की घेराबंदी कराई, घर-घर बिजली पहुंचाई। नल का जल पहुंचाया। प्रत्येक टोले को पक्की सड़क से जोड़ा।
जो थोड़ा-बहुत काम बचे हैं, वे भी जल्द होंगे। 2005 से पहले क्या था यहां, पीएचसी में महीने में 29 मरीज इलाज कराने जाते थे। वहां डॉक्टर और दवा की सुविधा मैंने उपलब्ध कराई तो 11 हजार लोग प्रति महीने इलाज कराने जाते हैं। पांचवीं के बाद लड़कियां पढ़ाई नहीं करती थीं। हमने साइकिल-पोशाक समेत अन्य सुविधाएं स्कूलों में दीं, तब लड़कियां पढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस सेवा में महिलाओं को 35 फीसदी आरक्षण दिया गया है। प्रदेश में 20 हजार महिलाएं पुलिस सेवा में हैं। प्रधानमंत्री की मदद से बिहार में और काम को पूरा करना है। उन्होंने कहा कि कहीं भी किसी काम की कमी होगी तो उसे पूरा किया जायेगा।
बोले-बिहार में बदलाव को आप भूलियेगा नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2005 के पहले शाम को कोई बाहर नहीं निकलता था। 2005 के बाद में स्कूली छात्राएं अपनी मां को लेकर साइकिल पर निकलने लगीं। बिहार में इस बदलाव को आप नहीं भूलियेगा। 2005 से पहले महिलाएं बोलती तक नहीं थीं। मैं केंद्र में मंत्री था, तब सभी जगह जाते थे। दूसरे प्रदेशों में स्वयं सहायता समूह में महिलाओं को आत्मनिर्भर होते देखता था। बिहार में हमारी सरकार बनी तो जीविका का गठन किया। तब केंद्र में विरोधी पक्ष की सरकार थी। मेरे जीविका के नाम पर केंद्र में आजीविका नाम से स्वयं सहायता समूह का नाम दिया।