मॉल में साथ काम करते थे नीतू और पंकज, 2015 में की थी शादी
महिला सिपाही नीतू कुमारी और पंकज 2015 में लव मैरिज के बाद काफी खुश थे। यह परिवार प्यार की बुनियाद पर खड़ा था, लेकिन समय के साथ दोनों के बीच शक की सूई ऐसी घूमी की पूरा परिवार इसकी भेंट चढ़ गया। नवगछिया से भागलपुर में पदस्थापित होने के बाद दोनों पति-पत्नी के बीच अवैध संबंध को लेकर शक गहराता चला गया और बात इतनी बढ़ी कि इसका अंजाम पूरे परिवार की मौत तक पहुंच गया।
नीतू और पंकज ने काफी स्ट्रगल के साथ प्यार की शुरुआत की थी। किसी ने सोचा भी नहीं था कि स्ट्रगल से शुरू हुआ प्यार का अंत इतना दुखद होगा। दोनों के बीच बक्सर के एक निजी मॉल में काम करने के दौरान प्यार की पींगें बढ़ी थीं। पंकज के सपोर्ट से नीतू ने काफी अच्छे अंकों के साथ वर्ष 2015 में सिपाही की परीक्षा उतीर्ण कर ली थी। दोनों के प्यार की मिसाल भी लोग देते थे कि कैसे दोनों एक साथ काफी खुशी से रह रहे हैं। इस प्यार की निशानी दो मासूम बच्चे थे जो रोज आंगन में खिलखिलाते थे। बच्चों की हंसी और नीतू की खुशी को शायद किसी की नजर लग गई। शक, शक और शक… इस शब्द ने नीतू की पूरी दुनिया उजाड़ दी। चर्चा है कि नीतू के साथ काम करने वाले एक सिपाही से ही उनकी नजदीकियां बढ़ गई थीं। यह बात नीतू के पति को नागवार लगने लगा था। इस वजह से भी दोनों के बीच पिछले कुछ दिनों से खटास पैदा होने लगी थी। अक्सर जब नीतू अपनी स्कूटी से आती-जाती थी तो पति उन्हें मना करता था। पति कहता था कि उन्हें गंतव्य तक स्कूटी से छोड़ देता है, लेकिन नीतू मना कर देती थी। इसी तरह छोटी-छोटी बातों पर विवाद बढ़ता गया और दोनों ने अपना आपा खो दिया। आरोप है कि नीतू ने अपनी सास और दोनों बच्चों को अपने गुस्से की बलि दे दी तो पति पंकज ने इसकी प्रतिक्रिया में नीतू की गला रेत दी और खुद भी फंदे से लटक गया।
नीतू और पंकज का झगड़ा सड़क पर भी आ चुका था
घटना की सूचना पर पहुंचे वरीय अधिकारियों ने जब जानकारी ली तो वहां रहने वाले जवानों ने बताया कि नीतू और पंकज के बीच का विवाद सड़क तक आ चुका था। अवैध संबंध को लेकर पंकज अक्सर नीतू पर सवाल उठाता था और दोनों के बीच विवाद हुआ करता था। कुछ दिनों पहले तो दोनों के बीच विवाद सड़क तक आ गया। बताया गया कि दोनों बीच सड़क पर एक दूसरे से लड़ने लगे थे जिसके बाद वहां रहने वाले अन्य जवानों ने मामले को शांत कराया था।
ऐसा कृत्य नहीं कर सकती है नीतू : मामा
नीतू काफी संघर्ष कर जीवन में आगे बढ़ी थी। वह ऐसा नहीं कर सकती है। उनसे बातचीत करने पर आत्मविश्वास और सकारात्मक सोच झलकता था। वह आगे बढ़ने के लिए प्रतिदिन कड़ी मेहनत करती थी। उक्त बातें मृतक सिपाही नीतू के मामा नागेन्द्र ठाकुर ने कही। समस्तीपुर के एक थाना में दारोगा के पद पर तैनात नीतू के मामा भागलपुर आने के लिए समस्तीपुर से रवाना हो गए हैं। नीतू के भाई सेना में है और परिजनों के माघ्यम से उन्हें भी सूचना दे दी गई है। पूरा परिवार इस तरह की घटना को सुनने के बाद काफी सदमे में है। परिजन पल-पल का अपडेट पुलिस मेंस एसोसिएशन के पदाधिकारियों के माघ्यम से ले रहे हैं।
● नीतू और पंकज एक साथ एक मॉल में काम करते थे, वहीं दोस्ती हुई
● 2015 में नीतू का सिपाही में चयन हो गया और दोनों ने प्रेम विवाह किया
● चयन होने के बाद नवगछिया पुलिस जिले में नीतू की पदस्थापना हुई
● जनवरी 2022 में नीतू का तबादला भागलपुर हुआ व परिवार संग आई
● महिला सिपाही नीतू और पंकज को दो बच्चे, शिवांश और श्रेया हुए
● 12 अगस्त की देर रात घटना हुई 13 अगस्त की सुबह शव मिले
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