म्यांमार में जातीय समूह के हमले से बचने के लिए वहां की सेना के 151 जवानों ने भारत में शरण ली है. बताया जा रहा है कि म्यांमार सेना के ये जवान शुक्रवार को भारत की सीमा में मदद के लिए घुस आए.
HIGHLIGHTS
- जान बचाकर भारत पहुंचे म्यांमार के 151 सैनिक
- सशस्त्र जातीय समूह ने किया था सैन्य शिवर पर हमला
- मणिपुर में आकर ली है म्यांमार के सैनिकों ने शरण
नई दिल्ली:
Myanmar Soldiers: भारत के पूर्व में बसा पड़ोसी देश म्यांमार पिछले कुछ सालों से जातीय संघर्ष से जूझ रहा है. जिसके चलते हजारों की संख्या में रोहिंग्या मुसलमान अवैध रूप से भारत में घुस आए. म्यांमार का के जातीय संघर्ष अभी भी पूरी तरह से रुका नहीं है. जिसका असर अब भी देखने को मिल रहा है. अब तक रोहिंग्या मुसलमानों के भारत घुसने की बात सामने आती थी लेकिन इस बार म्यांमार के सैनिकों को भारत में शरण लेने को मजबूर होना पड़ा.
दरअसल, पिछले दिनों म्यांमार के 151 सैनिकों ने पूर्वोत्तर के राज्य मिजोरम में आकर असम राइफल्स के एक कैंप में शरण ली. बताया जा रहा है कि ये सैनिक एक सशस्त्र जातीय समूह के हमले से बचने के लिए भारत की सीमा में आ गए. हमले में घायल कई सैनिकों का असम राइफल्स के जवानों ने प्राथमिक उपचार दिया. बताया जा रहा है कि इन सैनिकों को जल्द ही उनके देश वापस भेज दिया जाएगा.
शुक्रवार को हुआ था सैन्य शिविरों पर हमला
शनिवार को असम राइफल्स के एक अधिकारी ने जानकारी दी कि शुक्रवार के इंटरनेशनल बॉर्डर के पास म्यांमार के सैनिकों के शिविरों पर अराकान सेना के लड़ाकों ने हमला कर कब्जा कर लिया था. उसके बाद सेना के कम से कम 151 जवान अपने हथियार लेकर मिजोरम के लॉन्गतलाई जिले के तुईसेंतलांग में असर राइफल्स के कैंप में पहुंच गए. उन्होंने बताया कि म्यांमार सेना के जवानों को ‘तातमादाव’ के नाम से जाना जाता है. यहां पहुंचने के बाद घायल हुए सैनिकों को प्राथमिक उपचार दिया गया.
पिछले कई दिनों से जारी है लड़ाई
अधिकारी के मुताबिक, म्यांमार में पिछले कुछ दिनों से भारतीय सीमा के पास के इलाकों में म्यांमार सेना और अराकान के लड़ाकों के बीच गोलीबारी की घटनाएं हो रही हैं. जिन सैनिकों ने शुक्रवार को मिजोरम की सीमा में प्रवेश किया उनमें कुछ जवान गंभीर रूप से घायल थे. जिसका असम राइफल्स ने प्राथमिक उपचार किया. अधिकारी ने बताया कि म्यांमार सेना के ये जवान अब म्यांमार सीमा के पास लॉन्गतलाई जिले के पूर्व में असम राइफल्स की सुरक्षित हिरासत में हैं. जल्द ही उन्हें म्यांमार वापस भेज दिया जाएगा.
म्यांमार के सैनिकों की वापसी के लिए विदेश मंत्रालय और म्यांमार की सैन्य सरकार के बीच बातचीत चल रही है. बता दें कि इसी साल नवंबर में, म्यांमार-भारत सीमा पर उनके सैन्य शिविरों पर लोकतंत्र समर्थक मिलिशिया- पीपुल्स डिफेंस फोर्स ने कब्जा कर लिया था. तब भी म्यांमार सेना के करीब 104 सैनिक भागकर मिजोरम आ गए थे. इसके बाद उन्हें भारतीय वायुसेना के विमान से मणिपुर के मोरेह लाया गया. जहां से उन्हें अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर म्यांमार के निकटतम सीमावर्ती शहर तमू में भेज दिया गया था.
पिछले महीने भी भारत आ गए थे म्यांमार के सैनिक
बता दें ये कोई पहला मौका नहीं है जब म्यांमार के सैनिक इस तरह से भारत की सीमा में आ गए हों. इससे पहले नवंबर में भी म्यांमार सेना के 29 सैनिक भारत में आ गए थे. जानकारी के मुताबिक, उससे पहले भी पीपल्स डिफेंस फोर्स के हमले के बाद भी 40 सैन्य अफसर भारत में घुस आए थे. हालांकि बाद में भारत ने उन्हें म्यांमार की सेना को सौंपा था. गौरतलब है कि पड़ोसी मुल्क म्यांमार के साथ भारत का 1640 किलोमीटर लंबा बॉर्डर साझा करता है. म्यांमार की सीमा नागालैंड और मणिपुर जैसे पूर्वोत्तर के राज्यों से लगती है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, फरवरी 2021 से लेकर अब तक म्यांमार के 31 हजार लोग मिजोरम में शरणार्थी के रूप में रह रहे हैं.