नई दिल्ली, एजेंसी। प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को कहा कि प्रभु यीशु की शिक्षाएं प्रेम, सद्भाव और भाईचारे का संदेश देती है। कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि हम सभी इस भावना को और मजबूत बनाने के लिए काम करें।
सीबीसीआई सेंटर परिसर में कैथोलिक बिशप्स कांफ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआई) द्वारा आयोजित क्रिसमस समारोह में प्रधानमंत्री ने कहा कि जब समाज में हिंसा फैलाने और विघटन पैदा करने की कोशिश होती है तो उन्हें बहुत दुख होता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत की मानव-केंद्रित नीति ही 21वीं सदी की दुनिया को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकती है।
प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक यह पहली बार है, जब देश के किसी प्रधानमंत्री ने भारत में कैथोलिक चर्च के मुख्यालय में इस तरह के कार्यक्रम में हिस्सा लिया। सीबीसीआई की स्थापना 1944 में हुई थी और ये संस्था पूरे भारत में सभी कैथोलिकों के साथ मिलकर काम करती है। मोदी ने जर्मनी के क्रिसमस बाजार पर हमले और श्रीलंका में 2019 ईस्टर बम विस्फोटों का हवाला देते हुए कहा कि ऐसी चुनौतियों से एक साथ मिलकर लड़ना जरूरी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक दशक पहले जब हम फादर एलेक्सिस प्रेम कुमार को युद्धग्रस्त अफगानिस्तान से सुरक्षित वापस लाए थे, तो यह मेरे लिए बहुत संतोषजनक क्षण था। हमारे लिए, ये सभी मिशन राजनयिक नहीं बल्कि परिवार के सदस्यों को वापस लाने की भावनात्मक प्रतिबद्धता हैं।
मोदी ने कहा कि जब कोरोना में मानवाधिकारों की बड़ी-बड़ी बातें करने वाले कई देश गरीब देशों की मदद करने से पीछे हट गए। भारत ने कोरोना के दौरान गरीब देशों की मदद करने के लिए अपनी क्षमताओं से भी आगे बढ़कर 150 से अधिक देशों को दवाइयां उपलब्ध कराईं।