केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के संदर्भ के मद्देनजर यूजीसी-नेट पेपर लीक मामले में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ गुरुवार को एक प्राथमिकी दर्ज की है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
यूजीसी-नेट जूनियर रिसर्च फेलोशिप, सहायक प्रोफेसर के रूप में नियुक्ति और भारतीय विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में पीएचडी में प्रवेश के लिए भारतीय नागरिकों की पात्रता निर्धारित करने से संबंधित परीक्षा है। इस बार की यह परीक्षा 18 जून को दो पालियों में पूरे देश में आयोजित की गई थी। सूत्रों ने बताया कि अगले दिन विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को ह्यभारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्रह्ण (आई4सी) की राष्ट्रीय साइबर अपराध खतरा विश्लेषण इकाई से जरूरी सूचनाएं मिलीं कि प्रश्न-पत्र डार्कनेट पर उपलब्ध हैं और कथित तौर पर मैसेजिंग प्लेटफॉर्म पर 5-6 लाख रुपये में बेचे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सीबीआई अपराधियों को पकड़ने के लिए अपने स्वयं के ‘डार्कनेट एक्सप्लोरेशन सॉफ्टवेयर और सिस्टम’ शुरू करते हुए आई4सी के साथ निकट समन्वय में काम करेगी। अधिकारियों ने कहा कि शिक्षा मंत्रालय की शिकायत के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाले आई4सी से मिली जानकारियां ‘‘प्रथम दृष्टया इस बात के संकेत देती हैं कि परीक्षा की शुचिता से समझौता किए जाने की आशंका है’’।
पेपर लीक मामले की करेगी जांच
शिक्षा मंत्रालय के सचिव के. संजय मूर्ति के संदर्भ नोट में कहा गया है, परीक्षा प्रक्रिया में उच्चतम स्तर की पारदर्शिता और पवित्रता सुनिश्चित करने के लिए, शिक्षा मंत्रालय ने उक्त परीक्षा को रद्द करने और मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो को सौंपने का फैसला किया है। संदर्भ नोट अब एफआईआर का हिस्सा है। एफआईआर में कहा गया है कि शिकायत के तथ्य प्रथम दृष्टया अज्ञात आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) और 420 (धोखाधड़ी) के तहत दंडनीय अपराधों के होने का खुलासा करते हैं।