भारत सरकार के द्वारा डिजिटल भुगतान को तेज करने की कोशिश रंग ला रही है। इसमें वृद्धि जारी है और यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) अब हर महीने 60 लाख नए उपभोक्ताओं को जोड़ रहा है।
यूपीआई लेनदेन में ये शानदार वृद्धि यूपीआई के जरिए रुपे क्रेडिट कार्ड और विदेशों में सेवा के लॉन्च को बढ़ावा मिलने की वजह से आई है।
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, जून में यूपीआई प्लेटफॉर्म पर लेनदेन की संख्या साल-दर-साल 49 प्रतिशत बढ़कर 13.9 बिलियन हो गई और ट्रांजेक्शन वैल्यू 36 प्रतिशत बढ़कर 20.1 ट्रिलियन रुपये हो गया।
इसके साथ ही इसके जरिए औसत दैनिक लेनदेन संख्या 463 मिलियन और औसत दैनिक राशि 66,903 करोड़ रही।
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) की मुख्य परिचालन अधिकारी प्रवीना राय के अनुसार, रुपे क्रेडिट कार्ड की बाजार हिस्सेदारी तीन साल में 1 प्रतिशत से बढ़कर 10 प्रतिशत हो गई है।
दिल्ली में एक मीडिया कार्यक्रम में बोलते हुए, उन्होंने कहा कि “हर महीने, यूपीआई 3 से 6 मिलियन उपभोक्ता जोड़ता है।”
भारत में यूपीआई की सफलता ने कई देशों में वैश्विक सहयोग को बढ़ावा दिया है।
यूएई स्थित अल माया सुपरमार्केट ने देश में अपने आउटलेट्स पर यूपीआई-आधारित भुगतान स्वीकार करने की घोषणा की है।
एनपीसीआई के गैर-कार्यकारी अध्यक्ष और स्वतंत्र निदेशक अजय कुमार चौधरी के अनुसार, यूपीआई वैश्विक हो गया है और इंडिया स्टैक की प्रमुख पेशकश अब पेरिस में एफिल टॉवर, पेरिस ओलंपिक से पहले हौसमैन में गैलरीज लाफायेट के प्रमुख स्टोर और मध्य पूर्व के कुछ देशों में उपलब्ध है।
चौधरी ने इस सप्ताह आईएएनएस को बताया, एनपीसीआई ने आने वाले वर्षों में प्रति दिन 1 बिलियन यूपीआई लेनदेन हासिल करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य भी रखा है।
डिजिटल अर्थव्यवस्था की ओर सरकार का जोर युवा और तकनीक-प्रेमी आबादी के साथ फिनटेक क्षेत्र को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की दिशा में सही कदम है।