कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कांवड़ मार्ग में पड़ने वाली दुकानों पर प्रोप्राइटर का नाम लिखना अनिवार्य करने के उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले की कड़ी आलोचना की है।उन्होने योगी सरकार की आलोचना करते हुए कहा, “मेरा अपना मानना है उत्तर प्रदेश में जो कुर्सी को लेकर उथल-पुथल मची हुई है, यह सारी कवायत उससे बचने की है। उस मामले से ध्यान भटकाने की है। यह सारी कवायद बेरोजगारी, महंगाई से ध्यान भटकाने की है। अब इस नफरत की राजनीति को लोगों ने रिजेक्ट कर दिया है। जनता ने आपको जो पाठ पढ़ाया है, वह पाठ आप ना पढ़ना चाहें तो आपकी मर्जी है।“
वह आगे कहती हैं, “यही जाहिल लोग अयोध्या हारने के बाद हिंदुओं का बहिष्कार कर रहे थे और अब मुसलमानों का बहिष्कार कर रहे हैं।“गौरतलब है कि कांवड़ मार्ग में पड़ने वाली दुकानों पर उनके प्रोप्राइटरों का नाम लिखने के योगी सरकार के फैसले के बाद विपक्ष हमलावर है। इससे पहले सपा, कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दलों के बड़े नेताओं ने इस फैसले की आलोचना की है।
इसके अलावा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत के “मानव देवता और भगवान बनना चाहता है, प्रगति का कोई अंत नहीं है…लोग सुपरमैन बनना चाहते हैं, लेकिन वे वहां नहीं रुकते, फिर वे ‘देवता’ बनना चाहते हैं,“ के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, “उन्होंने बिना नाम लिए भी चुनाव के बाद मोदी जी को उनके अहंकार पर, विपक्ष पर, मणिपुर पर, पाठ पढ़ाया था। अब वह सुपरमैन देवता अलौकिक और विश्व गुरु होने की बात कर रहे हैं।”श्रीनेत ने कहा, “मोदी जी के खिलाफ भाजपा में नाराजगी है। सिर फुटव्वल हो रहा है। आरएसएस और बीजेपी में खींचतान चल रही है, यह किसी से छिपा नहीं है।”
बताया जा रहा है कि लोकसभा चुनाव 2024 के पहले सरकार के कुछ फैसलों और टिकट वितरण में संघ और भाजपा नेताओं का आपस में मनमुटाव हुआ था। चुनावी नतीजों में भाजपा के पूर्ण बहुमत से दूर रहने के बाद से संघ के पदाधिकारी समय समय पर बिना नाम लिए भाजपा पर निशाना साधते रहते हैं।