यूपी में सामूहिक विवाह योजना के तहत 1 लाख जोड़ों के होंगे विवाह, समाज कल्याण विभाग ने तैयार की एसओपी
उत्तर प्रदेश में हर वर्ग की जरूरतमंद बेटियों के विवाह के लिए शुरू की गई मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी सामूहिक विवाह योजना को और अधिक पारदर्शी तरीके से क्रियान्वित किए जाने के लिए समाज कल्याण विभाग ने नियम और प्रक्रियाओं को और अधिक परिभाषित करते हुए एसओपी तैयार की है। इस योजना के तहत प्रदेश में एक लाख जोड़ों के विवाह कराए जाएंगे।
इस वित्त वर्ष में 1,06,911 जोड़ों के विवाह का लक्ष्य तय
एक स्थान पर 100 से कम जोड़ों के विवाह कराए जाने एवं 100 से अधिक जोड़ों के विवाह होने की स्थिति में जिलाधिकारी की उपस्थिति में आयोजन कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं। आयोजन के समय पात्र जोड़ों की पुष्टि के लिए अलग से पंजीकरण काउंटर के साथ मंडल के उपनिदेशक एवं निकट जिले के जिला समाज कल्याण अधिकारी भी मौके पर उपस्थित होकर समस्त व्यवस्थाओं का जायजा लेंगे और विभाग को रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। विभाग ने निर्धारित बजट के अनुरूप इस वित्त वर्ष में 1,06,911 जोड़ों के विवाह का लक्ष्य तय किया है।
सामूहिक विवाह में डिजिटल सिग्नेचर से स्वीकृत आवेदन ही होंगे शामिल
जांच प्रक्रिया को मजबूत करने के साथ ही अब संबंधित खंड विकास अधिकारी, अधिशाषी अधिकारी एवं जिला समाज कल्याण अधिकारी स्तर से डिजिटल सिग्नेचर से स्वीकृत आवेदन ही सामूहिक विवाह में शामिल हो सकेंगे। आवेदन के दौरान आधार डेमोग्राफिक प्रमाणीकरण के द्वारा वर की 21 वर्ष एवं कन्या की आयु 18 वर्ष से अधिक होने पर ही ऑनलाइन आवेदन की व्यवस्था पोर्टल पर की गई है।
कन्या के खाते में 35,000 रुपये सहायता राशि अंतरित
सामूहिक विवाह समारोह में गृहस्थी के लिए कन्या के खाते में 35,000 रुपये सहायता राशि अंतरित की जाती है। वहीं, विवाह संस्कार के लिए आवश्यक सामग्री जैसे कपड़े, बिछिया, पायल, बर्तन आदि पर 10 हजार रुपये तथा विधवा, परित्यक्ता/ तलाकशुदा के मामले में 5,000 रुपये तक की वैवाहिक सामग्री विवाह के समय ही प्रदान की जाती है। विभाग द्वारा विवाह की समस्त व्यवस्थाएं मानक के अनुरूप किए जाने के लिए 6,000 रुपये प्रति जोड़ा व्यय निर्धारित है।
ऐसे कर सकते हैं आवेदन
बता दें योजना के अंतर्गत ऑनलाइन वेबसाइट https://cmsvy.upsdc.gov.in पर आवेदन कर सकते हैं। आवेदक अपना आवेदन पत्र जन सुविधा केंद्र, जिला समाज कल्याण अधिकारी कार्यालय, साइबर कैफे, निजी इंटरनेट केंद्र अथवा विभाग वेबसाइट से भरवा सकते हैं।
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