यूरिया सब्सिडी योजना खरीफ और रबी दोनों मौसम के लिए लागू: अनुप्रिया पटेल

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New Delhi, Aug 2 (ANI): Union Minister of State for Health and Family Welfare Anupriya Patel speaks in the Lok Sabha during the Monsoon Session of Parliament, in New Delhi on Friday. (ANI Photo/SansadTV)

केन्द्र सरकार ने यूरिया सब्सिडी योजना शुरू की है। यह रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय की एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है जो खरीफ और रबी दोनों मौसमों के लिए लागू है। इस योजना को पूरी तरह से भारत सरकार द्वारा बजट सहायता प्रदान की जाती है। यह जानकारी शुक्रवार को लोकसभा में केंद्रीय रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने एक प्रश्न के उत्तर में दी।

जानकारी में बताया गया कि यूरिया सब्सिडी योजना के तीन घटक हैं, यानी स्वदेशी यूरिया, आयातित यूरिया और समान माल ढुलाई सब्सिडी। स्वदेशी यूरिया सब्सिडी यूरिया इकाइयों को स्वदेशी यूरिया उत्पादन के लिए दी जाती है। आयातित यूरिया सब्सिडी देश में यूरिया की अनुमानित मांग और स्वदेशी उत्पादन के बीच के अंतर को पाटने के लिए किए गए आयात की ओर निर्देशित है। दोनों घटकों में समान माल ढुलाई सब्सिडी नीति के तहत देश भर में यूरिया की आवाजाही के लिए माल ढुलाई सब्सिडी भी शामिल है।

यूरिया सब्सिडी योजना के तहत, वर्तमान में यूरिया किसानों को वैधानिक रूप से अधिसूचित अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) पर उपलब्ध कराया जाता है। यूरिया के 45 किलोग्राम बैग का अधिकतम खुदरा मूल्य 242 रुपये प्रति बैग है (नीम कोटिंग और लागू करों के लिए शुल्क को छोड़कर)। यूरिया की खेत पर वितरित लागत और यूरिया इकाइयों द्वारा शुद्ध बाजार प्राप्ति के बीच का अंतर भारत सरकार द्वारा यूरिया निर्माता/आयातकर्ता को सब्सिडी के रूप में दिया जाता है।

लोकसभा में केंद्रीय रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री द्वारा प्रश्न के उत्तर में दी जानकारी के अनुसार जिन वर्तमान यूरिया नीतियों के माध्यम से सब्सिडी का भुगतान किया जा रहा है, वे हैं- नई मूल्य निर्धारण योजना (एनपीएस)-III, संशोधित एनपीएस-III, नई निवेश नीति (एनआईपी)-2012 और नई यूरिया नीति (एनयूपी) – 2015 । देश के सभी किसानों को रियायती दरों पर यूरिया की आपूर्ति की जा रही है और इस प्रकार वे इस योजना के लाभार्थी हैं।

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