Voice Of Bihar

खबर वही जो है सही

ये नाइंसाफी लगती है…CSK की जीत के बाद BCCI पर बड़ा निशाना साध गया धोनी का ये खास दोस्त

ByKumar Aditya

मई 13, 2024
Mahendra Singh Dhoni jpg

ताबड़तोड़ छक्के-चौकों की बारिश, अच्छी सी अच्छी गेंदें बाउंड्री लाइन के पार…आईपीएल 2024 में कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है. इस सीजन गेंदबाजों का बुरा हाल है और उनके लिए स्कोर बचा पाना बहुत मुश्किल हो गया है. बस अब इसी मुद्दे पर चेन्नई सुपरकिंग्स के बैटिंग कोच और धोनी के काफी अच्छे दोस्त माइकल हसी ने बीसीसीआई पर बड़ा निशाना साध दिया है. माइकल हसी ने चेन्नई और राजस्थान के बीच हुए लो स्कोरिंग मैच को बेहतरीन बताया और कहा कि इस तरह की पिच अच्छी लगती हैं. इसके साथ-साथ वो बीसीसीआई की सोच पर बड़ा सवाल उठा गए.

बीसीसीआई के खिलाफ क्या बोले माइकल हसी?

माइकल हसी ने कहा, बीसीसीआई अच्छा क्रिकेट देखना चाहती है. वो बड़े स्कोर्स देखना चाहती है. बीसीसीआई एक आक्रामक और आकर्षक क्रिकेट देखना चाहती है. 260, 270 रन जब स्कोरकार्ड पर होते हैं तो हमें अच्छा लगता है लेकिन कभी-कभी ये गेंदबाजों के साथ नाइंसाफी सी लगता है. मुझे राजस्थान और चेन्नई सुपरकिंग्स की पिच अच्छी लगी. वो छोटे स्कोर की भिड़ंत उसमें देखने को मिली.’

राजस्थान-चेन्नई के मैच में क्या था खास?

माइकल हसी ने राजस्थान और चेन्नई के मैच में इस्तेमाल हुई पिच को इसलिए अच्छा बताया क्योंकि इसमें गेंदबाजों के लिए मदद थी. राजस्थान रॉयल्स विस्फोटक बल्लेबाजों से लैस है लेकिन ये टीम 20 ओवर में 5 विकेट पर 141 रन ही बना सकी. इस मैच में एक भी अर्धशतक नहीं लगा और सबसे ज्यादा रियान पराग ने 35 गेंदों में नाबाद 47 रन बनाए. चेन्नई भी ये स्कोर आसानी से हासिल नहीं कर सकी. चेन्नई की टीम 10 गेंद पहले मैच जीती और ऋतुराज गायकवाड़ ने 102 के स्ट्राइक रेट से सबसे ज्यादा 42 रन बनाए.

माइकल हसी इसी तरह की पिच हर मैच में चाहते हैं. लेकिन यहां सिक्के का दूसरा पहलू ये भी है कि चेन्नई को इस तरह की पिच सूट करती हैं. बड़े-बड़े स्कोर्स को पीछा करने में चेन्नई को दिक्कत आती है और बल्लेबाजी के लिए पाटा पिचों पर उसे दिक्कत भी हो रही है क्योंकि उसके दो मेन गेंदबाज मुस्तिफिजुर रहमान और पथिराना वतन वापस लौट चुके हैं.


Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading