योगी सरकार का स्कूली बच्चों पर बड़ा फैसला, स्कूटी-बाइक चलाने पर रोक, जानें और क्या लिया एक्शन
स्कूली बच्चों को लेकर योगी सरकार का बड़ा फैसला,अब स्कूली बच्चे नहीं चला सकेंगे स्कूटी और बाइक।
HIGHLIGHTS
- स्कूली बच्चों को लेकर योगी सरकार का बड़ा फैसला
- अब स्कूली बच्चे नहीं चला सकेंगे स्कूटी और बाइक
- 3 साल की सजा औऱ 25000 रुपए का जुर्माना, रजिस्ट्रेशन भी होगा रद्द
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार लगातार प्रदेशवासियों के लिए कड़े कदम उठा रही है. महिलाओं से लेकर बुजुर्गों और बच्चों के लिए भी कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं. यही नहीं हाल में योगी सरकार ने स्कूली बच्चों को लेकर भी कई बड़े कदम उठाए हैं. इसी कड़ी में बुधवार को भी योगी सरकार की ओर से स्कूली बच्चों के लिए खास निर्देश जारी किए गए हैं. इसके तहत अब स्कूली बच्चों के स्कूटी और बाइक चलाने पर रोक लगा दी है. बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया गया है।
इसके अलावा भी योगी सरकार की ओर से कुछ अहम फैसले लिए गए हैं. इसके तहत स्कूलों में रोड सेफ्टी क्लब भी बनाए जाएंगे. बच्चों में ट्रैफिक सेंस विकसित करने के लिए जागरूकता कार्यक्रम भी कराए जाएंगे।
बनाए जाएंगे रोड सेफ्टी क्लब, मिलेगी 50 हजार की राशि
बच्चों में रोड सेफ्टी के सेंस डवलप करने के लिए यूपी सरकार ने अहम कदम उठाया है. इसको लेकर एक रोड सेफ्टी कल्ब बनाए जाने को कहा गया है. माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव की मानें तो 899 राजकीय इंटर कॉलेजों को रोड सेफ्टी क्लब बनाने के निर्देश दिए गए हैं. इसके लिए उन्हें 50-50 हजार रुपए की धनराशि भी जा रही है।
इसके साथ ही 2373 सरकारी माध्यमिक स्कूलों को भी 500-500 रुपए यातायात नियम दीवारों पर लिखवाने के लिए दिए जा रहे हैं।
7 जनवरी तक स्कूल मैनेजमेंट के साथ मिलकर परिवहन विभाग स्पेशल कैंपेन चलाएगा. यही नहीं स्टूडेंट्स की गाड़ी का चालान भी किया जाएगा. इसके साथ ही हर तीन महीने में स्कूल परिवहन सुरक्षा समिति की मीटिंग कंडक्ट की जाएगी. वहीं जिलाधिकारी के साथ साल में दो बार बैठक आोयजित की जाएगी।
3 साल की जेल, 25 हजार का जुर्माना
बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर स्कूली बच्चों के साथ-साथ पैरेंट्स को भी अलर्ट किया जाएगा. इसके तहत मोटरवाहन संशोधन अधिनियम वर्ष 2019 की धारा 199 (क) के मुताबिक अगर कोई नाबालिग किसी वाहन से कोई दुर्घटना या अपराध करता है तो मोहट व्हीकल एक्ट के तहत स्वामी को तीन वर्ष की सजा और 25 हजार रुपए का जुर्माना होगा. इसके अलावा वाहन का रजिस्ट्रेशन भी रद्द किया जा सकता है।
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