राजस्थान में पैदा हो सकता है बड़ा बिजली संकट, 10 प्लांटों के पास बस एक दिन का ही बचा है कोयला

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राजस्थान में कोयला संकट बढ़ गया है।जिसके चलते आने वाले दिनों में राज्य में भारी बिजली संकट पैदा हो सकता है।

HIGHLIGHTS

  • राजस्थान में बढ़ा कोयला संकट
  • 10 प्लांटों के पास बचा एक दिन का कोयला
  • बिजली संकट से जूझ सकता है राजस्थान

राजस्थान में आने वाले दिनों में बड़ा बिजली संकट पैदा हो सकता है. क्योंकि राज्य के थर्मल पावर प्लांट्स में कोयले का संकट होने लगा है. बताया जा रहा है कि राज्य के 10 प्लांट्स में केवल एक दिन के लिए ही कोयला शेष बचा है. जबकि अन्य पावर प्लांट्स के पास भी 2 से चार दिनों के लिए ही कोयला बचा है. गौरतलब है कि राजस्थान में कुल 23 थर्मल पावर प्लांट्स हैं. ऐसे में दस प्लांट्स के पास कोयले की कमी होने से राज्य में बिजला का गहरा संकट पैदा हो सकता है।

जानें क्यों हो रहा राज्य में कोयला संकट

बता दें कि राजस्थान में कोयले की सप्लाई छत्तीसगढ़ से होती है. राजस्थान के हिस्से वाली कोयला खदानों में इन दिनों खनन का काम रुक गया है. ऐसे में राज्य को जरूरत के मुताबिक कोयले की सप्लाई नहीं हो पा रही. जानकारी के मुताबिक, राजस्थान में अभी 28 हजार मैट्रिक टन कोयले की कमी बनी हुई है. यही नहीं अगर आने वाले एक दिन के लिए भी राज्य में कोयले की सप्लाई नहीं हुई तो थर्मल प्लांट्स में बिजली का उत्पादन ठप होने की संभावना है।

वैकल्पिक इंतजाम कर रहा ऊर्जा विभाग

राजस्थान में हो रहे कोयला संकट को लेकर ऊर्जा विभाग ने रिपोर्ट तैयार कर ली है. इस रिपोर्ट पर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव सहाय और केंद्रीय कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी को पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने हस्तक्षेप कर कोयला संकट दूर करने की मांग उठाई है. बता दें कि राजस्थान में जनवरी माह के दूसरे पखवाड़े में बिजली की डिमांड बढ़ गई है. जिसके चलते राज्य में बिजली की मांग 3200 लाख यूनिट के पार पहुंच गई है।

अतिरिक्‍त खदान में शुरू नहीं हुआ खनन

राजस्थान के सीएम भजनलाल ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव सहाय को पत्र लिखकर कहा है कि राजस्थान की कोल माइंस परसा इस्ट कांता में खनन के लिए अतिरिक्त खदान दी गई है. जहां 91 हेक्टेयर में से 70 हेक्टेयर में पेड़ों की कटाई की जा चुकी है. इसमें से फिलहाल सिर्फ 26 हेक्टेयर जमीन ही दी गई है. जहां खनन शुरू नहीं हो पाया है. क्योंकि कुछ स्थानीय एनजीओ ने इसका विरोध किया है. सीएम ने कहा कि जल्द से जल्द खनन शुरू कराने की जरूरत है. यहां से हर साल 15 मिलियन टन कोयला मिलने की उम्मीद है।