राज्यपाल बोले – गुरु और शिष्य की परंपरा सदियों पुरानी

Bau governor

बिहार : राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा है कि हमारी संस्कृति में गुरु-शिष्य की परंपरा सदियों पुरानी है। शिक्षकों और विद्यार्थियों को पूर्ण समर्पण भाव से अपना काम करना चाहिए। समर्पण का यह भाव शिक्षा, समाज, राष्ट्र, परिवार, शिक्षक एवं विद्यार्थियों सबके प्रति होनी चाहिए। अपने कार्य के प्रति समर्पित होने पर ही शिक्षक विद्यार्थियों को कुछ नया दे सकते हैं। भारत को फिर से पुराना गौरव प्राप्त करने और विश्वगुरु बनने के लिए अध्यापकों और विद्यार्थियों में समर्पण का यह भाव आवश्यक है।

राजभवन के दरबार हॉल में गुरु पूर्णिमा के अवसर पर रविवार को ‘गुरु शिष्य परंपरा’ पर आयोजित कार्यक्रम को राज्यपाल संबोधित कर रहे थे। उन्होंने महर्षि व्यास का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्हें स्मरण करने का अभिप्राय अपने भीतर समर्पण का भाव लाना है।

Kumar Aditya: Anything which intefares with my social life is no. More than ten years experience in web news blogging.