राज्यसभा चुनाव से पहले नेताओं का पाला बदलने का सिलसिला जारी है। कई राज्यों में हिमाचल प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, यूपी और झारखंड तक कई विधायक और सांसद अपना पाला बदल चुके हैं।ऐसे में विपक्ष की मुश्किलें कम होती नजर नहीं हो रही है।
राज्यसभा चुनाव से पहले विपक्ष को देश के सबसे बढ़े राज्य यूपी से बड़ा झटका लगा है. आपको बता दें कि राज्य में राज्यसभा की 10 सीटें हैं. इनमें से 9 सीटों को लेकर स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट है. मगर 10 वीं सीट पर सस्पेंस बरकरार है. यहां रविवार को बीएसपी सांसद राकेश पांडे ने अपना पाला बदल लिया है. वे भाजपा में शामिल हो गए हैं. पिता सपा के विधायक हैं, ऐसे में राज्यसभा के चुनाव में उनका वोट अहम है. वहीं दूसरी ओर सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर ने अपना दावा पेश किया है. उनका कहना है कि अब गायत्री प्रजापति की विधायक पत्नी भी एनडीए से जुड़ चुकी हैं. ओमप्रकाश राजभर का ये दावा है कि गायत्री प्रजापति की पत्नी और बसपा से भाजपा में शामिल रितेश पांडे के पिता राकेश पांडे भी NDA को मतदान करने वाले है।
राजा भैया का ऐलान
राजा भैया का कहना है कि इस चुनाव में उनकी पार्टी भाजपा के साथ है. उन्होंने कहा कि सपा के लोग बातचीत के लिए आए थे, मगर हमारी पार्टी का वोट भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में जाने वाला है. मगर शुरुआत में राजा भैया ने लोकसभा सीटों को लेकर भाजपा और सपा दोनों से बात की थी. राजा भैया अब इस ताक में हैं कि कौन सी पार्टी उनके दल को कितनी लोकसभा सीटें दे सकती है. राजा भैया चाहते है कि उन्हें प्रतापगढ़ और कौशांबी दो सीटें मिले. हालांकि भाजपा के साथ उनकी क्या बात हुई है, इसके बारे में अभी कुछ सामने नहीं आया है।
हिमाचल प्रदेश में बगावती तेवर देखने को मिल रहे
हिमाचल प्रदेश की एक राज्यसभा सीट के लिए हो रहे चुनाव से ठीक पहले विधायक राजेंद्र राणा के बगावती तेवर देखने को मिल रहे हैं. साल 2017 के हिमाचल चुनाव में पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल को हराने वाले राजेंद्र राणा का सुक्खू सरकार में मंत्री बनन तय था. मगर ऐसा हुआ नहीं. अब राणा ने दो टूक कहा है कि अब वह कोई मंत्री पद को स्वीकार नहीं करने वाले हैं. हिमाचल में राज्यसभा की एक सीट को लेकर कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों ने उम्मीदवार उतारे हैं. यहां पर भाजपा की ओर से हर्ष महाजन हैं. वहीं कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी हैं.
भाजपा के दावे के बीच अब राजेंद्र राणा के रुख ने कांग्रेस का तनाव बढ़ा दिया है।
अरुणाचल में एनसपीपी को भी बड़ा झटका लगा
अरुणाचल प्रदेश में लोकसभा चुनावों के साथ ही विधानसभा चुनाव भी हो रहे हैं. इससे पहले कांग्रेस के साथ एनसपीपी को भी बड़ा झटका लगा है. दोनों ही पार्टियों के दो—दो विधायक रविवार को भाजपा में शामिल हो चुके हैं. खुद सीएम पेमा खांडू ने उन्हें भाजपा की सदस्यता दिलाई है. एनपीपी विधायक मुच्चू मुच्चू मिथी तथा गोकर बसर और कांग्रेस विधायक निनॉन्ग एरिंग तथा वांगलिंग लोवांगडोंग ने ईटानगर में मौजूद बीजेपी कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम के वक्त भाजपा की सदस्यता ली।