सर्वोच्च न्यायालय ने आज स्पष्ट किया है कि राज्य अब खनिज अधिकारों पर बकाया कर वसूल सकते हैं। एक अप्रैल, 2005 से पहले के खनिज अधिकारों पर ये लागू नहीं होगा।
शीर्ष न्यायालय ने 25 जुलाई को यह आदेश दिया था कि राज्यों के पास शक्ति है कि वे खनिज अधिकारों पर कर लगा सकें। खान और खनिज विनियमन और विकास अधिनियम 1957 राज्यों के अधिकारों को सीमित नहीं करता।
इस निर्णय के बाद केंद्रीय और अन्य करदाताओं ने ये मांग की कि इस निर्णय को तत्कालिक प्रभाव से लागू किया जाए।