राज्य की बड़ी नदियों पर पुलों की संख्या और उनकी क्षमता में हुई अभूतपूर्व वृद्धि

Babu Bisu Raut bridgeBabu Bisu Raut bridge

राज्य के किसी भी कोने से पांच घंटे में पटना पहुंचने की योजना साकार हो गई है। अब अगले तीन सालों में राज्य के किसी भी कोने से लोग राजधानी चार घंटे में आ सकेंगे। राज्य सरकार ने इस दिशा में कार्रवाई शुरू कर दी है। सोमवार को वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट पेश करते हुए उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि वर्ष 2027 के अंत तक चार घंटे में पटना पहुंचने के लक्ष्य को हासिल कर लिया जाएगा। इसके लिए राजधानी को समस्त जिला मुख्यालयों से चार लेन सड़क के माध्यम से जोड़ा जाएगा।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने बड़ी नदियों पर पुलों की संख्या और उनकी क्षमता में वृद्धि कर यातायात की सुविधा में अभूतपूर्व बदलाव लाया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सपना राज्य के किसी भी कोने से पांच घंटे में पटना पहुंचने को साकार कर लिया गया है। अब हम इस यात्रा समय को वर्ष 2027 के अंत तक चार घंटे में पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि गंगा नदी में वर्ष 2005 में दो लेन वाले मात्र तीन पुल और चार लेन वाले एक पुल थे। अब इसके अतिरिक्त दो लेन के तीन, चार लेन के सात और छह लेन के चार पुलों का निर्माण हो चुका है या निर्माणाधीन है। वर्ष 2005 से पहले कोसी नदी पर दो लेन वाले दो पुल ही थे। अब दो लेन वाले पुलों की संख्या चार हो गई है। चार लेन वाले पांच नए पुलों का निर्माण हो चुका है या प्रगति पर है।

100 से अधिक आबादी वाले सभी टोलों में बनेगी पक्की सड़क

राज्य के ग्रामीण इलाकों में 100 से अधिक आबादी वाले बसावटों में पक्की सड़क का निर्माण होगा। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2005 में ग्रामीण सड़कें टूटी-फूटी अवस्था में थी। सरकार ने सड़कों का कायाकल्प कर पूरे राज्य में सड़कों और पुलों का जाल बिछाया और हर गांव को ही नहीं, हर टोले व घर तक गलियों को भी पक्की सड़क से जोड़ा गया। साथ ही पक्की नाली का भी निर्माण किया गया। अब बिहार में ग्रामीण सड़कों की लंबाई 1.17 लाख किलोमीटर हो गई है। राज्य में सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर में हुए सुधार ने गांव-गांव को बाहरी दुनिया से सुगम यातायात के माध्यम से जोड़ दिया गया है। सीएम ग्राम सम्पर्क योजना के तहत मौजूदा वर्ष में 2094 करोड़ से 1503 किमी ग्रामीण सड़कों का निर्माण किया गया। साथ ही 121 पुलों का भी निर्माण किया गया।

एक्सप्रेस-वे बन रहे

केंद्र के सहयोग से राज्य में कई एक्सप्रेस-वे, पुल और राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण हो रहा है। जेपी गंगा पथ के गायघाट से कंगनघाट का लोकार्पण इसी महीने हो जाएगा। पटना-गया-डोभी का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। एक साल में पथ निर्माण विभाग ने 90 योजनाओं की स्वीकृति दी जिसकी लागत 4826.40 करोड़ है। इसमें 23 पुल, 12 आरओबी, 50 सड़क शामिल है। पांच सड़कों का निर्माण एडीबी के सहयोग से होगा। शहरों के भीतर जाने के बजाए बाहर से गुजरने के लिए अब तक 25 बाईपास की मंजूरी दी जा चुकी है।

लेन में भी इजाफा

● गंगा पर 2005 में दो लेन वाले 3 और चार लेन वाले एक पुल थे

● अब इसके अतिरिक्त दो लेन के तीन, चार लेन के सात और छह लेन के चार पुल हो चुके

● कोसी नदी पर भी दो लेन वाले पुलों की संख्या चार हो गई

गंडक, सोन और फल्गु पर पुलों की संख्या बढ़ी

गंडक नदी पर वर्ष 2005 से पहले मात्र दो लेन वाले मात्र तीन पुल थे। अब आठ हो गए हैं जिसमें से दो पुल चार लेन वाले हैं। सोन नदी पर 2005 से पहले दो पुल थे। सरकार ने चार अतिरिक्त पुलों का निर्माण कराया है। बागमती नदी पर मात्र चार पुल थे जो अब 13 हो गए हैं। फल्गु नदी पर मात्र एक पुल था जिस पर चार और पुल बनाए गए।

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