बिहार विधान परिषद सदस्य और भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ प्रमोद चंद्रवंशी ने राज्य के मुखिया, उप मुखिया, वार्ड सदस्य तथा सरपंच, उप-सरपंच एवं पंचों के मानदेय में वृद्धि को एक चुनावी छलावा बताया है. बिहार सरकार सर्वप्रथम पंचायती राज के जनप्रतिनिधियों का मानदेय नियमित करे । डॉ चंद्रवंशी ने कहा कि राज्य सरकार का खजाना खाली है, केंद्र सरकार के 15वीं वित्त आयोग से मिली राशि के सहारे गांवों में नली- गली का निर्माण, सड़कों का निर्माण, स्ट्रीट लाइट, नल-जल एवं पंचायत सरकार भवन का निर्माण आदि विकास कार्य भी केंद्र की राशि से किया जा रहा है , एवं पंचायती राज के सफाईकर्मियों का वेतन भी नही मिल रहा है लेकिन विरोधाभास यह है कि इस स्तिथि का ज्ञान होते हुए भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार घोषणाओं का अंबार लगा रहे हैं।
यह बिहार की जनता के साथ छलावा है. डॉ चंद्रवंशी ने कहा कि प्रतिनिधियों को जब से उन्होंने पदभार ग्रहण किया है तब से मात्र 5-6 महीनों का ही वेतन भुगतान हुआ है शेष राशि का भुगतान भी बकाया है, डॉ चंद्रवंशी ने कहा कि बिहार सरकार को पहले का जितना मानदेय बकाया है पहले उसका भुगतान करना चाहिए लेकिन बिहार सरकार घोषणाओं के माध्यम से लोगों को ठगने का हर संभव प्रयास कर रही है. डॉ चंद्रवंशी ने कहा कि वार्ड सदस्यों को पूर्व में कई विकास कार्यों के लिए निविदा प्रदान की जाती थी जो कि अब पूर्णतः बन्द है, मैं माँग करता हूँ कि उसे सुचारू रूप से पुनः शुरू किया जाए ताकि वार्ड सदस्यों को भी विकास कार्य में योगदान का अवसर प्राप्त हो एवं जनप्रतिनिधि होने का अहसास हो सके।