NationalAyodhyaTrendingUttar Pradesh

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा: पीएम मोदी के समर्थन में आए तमिलनाडु मठ के शंकराचार्य, कराएंगे 40 दिन का खास यज्ञ

अयोध्या के राम मंदिर में 22 जनवरी को दोपहर में गर्भगृह में राम लला को विराजमान किया जाएगा।इस प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के लिए वैदिक अनुष्ठान 16 जनवरी से शुरू होंगे।

अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर चारों प्रमुख पीठ के शंकराचार्य एकमत नजर नहीं आ रहे हैं. ज्योतिष और गोवर्धन पीठ के शंकराचार्य जहां इस समारोह का विरोध कर रहे हैं, तो श्रृंगेरी मठ के शंकराचार्य कार्यक्रम का समर्थन करते नजर आ रहे हैं. अब इन चार प्रमुख पीठों से अलग चलने वाला कांची कामकोटि पीठ और उसके शंकराचार्य भी इसके समर्थन में आ गए हैं।

तमिलनाडु के कांचीपुरम में कांची कामकोटि मठ के शंकराचार्य विजयेंद्र सरस्वती स्वामीगल ने शुक्रवार (12 जनवरी) को कहा कि पीठ काशी में यज्ञशाला मंदिर में 22 जनवरी के कार्यक्रम को चिह्नित करने के लिए 40 दिवसीय पूजा कार्यक्रम आयोजित करेगी. यह पूजा कार्यक्रम 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के साथ होगा और 40 दिनों तक चलेगा।

क्या कहा शंकराचार्य विजयेंद्र सारस्वत स्वामीगल ने?

शंकराचार्य विजयेंद्र सरस्वती स्वामीगल ने कहा, “भगवान राम के आशीर्वाद से अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी को होगा. हमारी काशी स्थित यज्ञशाला भी भव्य आयोजन के साथ 40 दिनों तक विशेष पूजा करेगी. 100 से अधिक विद्वान यज्ञशाला में पूजा और हवन करेंगे।”

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि पीएम देश भर के तीर्थ स्थलों और परिसरों के विकास पर जोर दे रहे हैं. उनके नेतृत्व में केदारनाथ और काशी विश्वनाथ मंदिरों का विस्तार किया गया है।

अयोध्या में भव्य मंदिर के उद्घाटन के लिए तैयारियां जोरों पर चल रही हैं. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 22 जनवरी को दोपहर में राम मंदिर के गर्भगृह में राम लला को विराजमान करने का निर्णय लिया है. अयोध्या में राम लला के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के लिए वैदिक अनुष्ठान एक सप्ताह पहले 16 जनवरी से शुरू होंगे।

क्या है कांची कामकोटि पीठ?

अभी तक चार आदि पीठ और चार शंकराचार्य़ की बात की जाती रही, लेकिन अचानक एक और शंकराचार्य का नाम सामने आने के बाद से कई लोगों के मन में ये सवाल है कि ये पांचवा मठ और शंकराचार्य़ क्या हैं।

दरअसल, आदि शंकराचार्य ने सनातन धर्म की रक्षा और प्रसार के लिए देश की चार दिशाओं में चार पीठ की स्थापनी की. चारों पीठों के प्रमुख को शंकराचार्य कहा जाता है. ये चार प्रमुख मठ द्वारका, ज्योतिष, गोवर्धन और श्रृंगेरी पीठ हैं, लेकिन तमिलनाडु के कांची कामकोटि पीठ भी महापीठ का दावा करता है और यहां के शंकराचार्य खुद को अन्य चार शंकराचार्य की तरह मानते हैं, लेकिन प्रमुख चारों पीठ कांची कामकोटि पीठ को आदि पीठ नहीं मानते हैं और न हीं वहां के शंकराचार्य को शंकराचार्य कहने को राजी होते हैं।


Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading

मत्स्य पालन और जलीय कृषि में ड्रोन प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग और प्रदर्शन पर कार्यशाला आयोजित बिहार में बाढ़ राहत के लिए भारतीय वायु सेना ने संभाली कमान बिहार के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने रवाना हुए सीएम नीतीश पति की तारीफ सुन हसी नही रोक पाई पत्नी भागलपुर में खुला पटना का फैमस चिका लिट्टी