राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु इस महीने की पांच से दस तारीख तक तीन देशों- फिजी, न्यूजीलैंड और तिमोर-लेस्ते की यात्रा पर होंगी। विदेश मंत्रालय में पूर्वी मामलों के सचिव जयदीप मजुमदार ने कल नई दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि यह फिजी और तिमोर-लेस्ते के लिए भारत के राष्ट्रपति की पहली यात्रा होगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एक्ट ईस्ट नीति पर बल देने के बाद से दक्षिण पूर्व एशिया और प्रशांत क्षेत्र पर भारत का विशेष ध्यान रहा है। उन्होंने कहा कि ये तीनों देश एक्ट ईस्ट नीति के तहत आते हैं।
राष्ट्रपति मुर्मु यात्रा के पहले चरण में पांच से सात अगस्त तक फिजी में होंगी। यात्रा के दौरान राष्ट्रपति मुर्मु फिजी के राष्ट्रपति कैटोनीवेरे और प्रधानमंत्री सितिवेनी राबुका के साथ बैठक करेंगी। वे फिजी की संसद को संबोधित करेंगी और वहां रह रहे भारतवंशियों से भी मिलेंगी। भारत विकास क्षेत्र में फिजी का सशक्त साझीदार रहा है। श्री मजुमदार ने बताया कि भारत ने फिजी में अपनी राजनयिक उपस्थिति के 75 वर्ष पूरे कर लिए हैं। उन्होंने कहा कि फिजी के साथ भारत के मजबूत संबंध रहे हैं और प्रधानमंत्री मोदी ने इस वर्ष भारत प्रशांत द्वीप सहयोग फोरम का शुभारंभ किया था।
राष्ट्रपति मुर्मु यात्रा के दूसरे चरण में आठ और नौ अगस्त को न्यूजीलैंड में होंगी। श्री मजुमदार ने बताया कि न्यूजीलैंड यात्रा के दौरान वे गर्वनर जनरल सिंडीकिरो के साथ बैठक करेंगी और प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन से मिलेंगी। श्रीमती मुर्मु वेलिंग्टन में अंतरराष्ट्रीय शिक्षा सम्मेलन को संबोधित करेंगी और ऑकलैंड में भारतवंशियों से मिलेंगी। श्री मजुमदार ने कहा कि न्यूजीलैंड भारत को रक्षा और सुरक्षा क्षेत्र में अपना प्रमुख साझीदार मानता है।
अंतिम चरण में राष्ट्रपति दस अगस्त को तिमोर-लेस्ते जाएंगी। वे राष्ट्रपति जोसे रामोस होर्ता के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगी। तिमोर-लेस्ते के प्रधानमंत्री केराला गुसमाओ भी राष्ट्रपति मुर्मु से मिलेंगे।विदेश सचिव ने कहा कि न्यूजीलैंड के साथ भारत के सदियों पुराने संबंध हैं। तिमोर-लेस्ते को आसियान का सदस्य स्वीकार किया जा चुका है, यह आसियान का 11वां सदस्य होगा।